Crpc. & Ipc @crpcip Channel on Telegram

Crpc. & Ipc

@crpcip


Crpc ipc

Crpc. & Ipc (English)

Are you looking to stay updated on the latest developments and discussions related to Crpc (Code of Criminal Procedure) and Ipc (Indian Penal Code)? Look no further than the Telegram channel 'Crpc. & Ipc' (@crpcip). This channel is dedicated to providing valuable insights, analysis, and updates on the Crpc and Ipc, two crucial legal frameworks that govern criminal law in India. Who is it? 'Crpc. & Ipc' is a must-follow channel for law students, legal professionals, and anyone interested in understanding the intricacies of criminal law in India. Whether you are preparing for an exam, working on a case, or simply want to expand your knowledge, this channel has got you covered. What is it? The channel 'Crpc. & Ipc' offers a wide range of content, including case studies, explanations of key concepts, updates on legal reforms, and discussions on recent court rulings. You can expect to find informative posts, links to relevant articles, and engaging discussions that will deepen your understanding of Crpc and Ipc. Stay informed and connected with fellow legal enthusiasts by joining 'Crpc. & Ipc' on Telegram today. Don't miss out on the opportunity to enhance your knowledge of criminal law in India!

Crpc. & Ipc

22 Apr, 03:03


https://youtu.be/Yg2eCazkCms

Crpc. & Ipc

06 Jul, 06:18


Photo from 𝒜𝒹𝓋. 𝒦𝓇𝒾𝓈𝒽𝓃𝒶 𝒰𝓅𝒶𝒹𝒽𝓎𝒶𝓎

Crpc. & Ipc

06 Jul, 06:18


पांच साल की सजा, 10 लाख तक का जुर्माना, वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून का ड्राफ्ट तैयार
वकीलों की सुरक्षा और संरक्षा के विधेयक के मसौदे को अब 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया' ने सभी स्टेक होल्डर्स की राय के लिए सार्वजनिक कर दिया है. नौ जुलाई तक इस पर राय, सुझाव और प्रतिक्रिया दी जा सकती है.

देश में वकीलों पर होने वाले हमलों से उन्हें सुरक्षा देने के लिए कानूनी उपाय किए जा रहे हैं. इसी बाबत एक कानून लाया जा रहा है. वकीलों की सुरक्षा और संरक्षा के विधेयक के मसौदे को अब 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया' ने सभी स्टेक होल्डर्स की राय के लिए सार्वजनिक कर दिया है. नौ जुलाई तक इस पर राय, सुझाव और प्रतिक्रिया दी जा सकती है.

सात विशेषज्ञों की कमेटी ने बनाया है बिल का खाका

हाल के वर्षों में वकीलों पर किए जा रहे हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सात विशेषज्ञों की कमेटी ने बिल का खाका तैयार किया है. कमेटी में सीनियर एडवोकेट और वकीलों से जुड़े संस्थानों और संगठनों के कई अनुभवी पदाधिकारी हैं.

आगामी संसद सत्र में हो सकता है पेश

बिल पर देश भर के वकीलों, उनसे जुड़े संस्थानों और संगठनों की प्रतिक्रिया, सुझाव और बदलाव के प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे. काउंसिल बिल के मसौदे में समुचित बदलाव के बाद इसे विधि और न्याय मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. फिर इसे संसद के पटल पर जाएगा. उम्मीद है कि 19 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के सत्र में इसे चर्चा के लिए पेश किया जाएगा.

मसौदे में पांच साल तक की सजा

बिल के मसौदे में न्यायिक प्रक्रिया के दौरान कोर्ट के अधिकारी के रूप में अपनी ड्यूटी निभाने के दौरान वकील पर हमले के दोषियों को छह महीने से लेकर पांच साल तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया है.

दस लाख तक मुआवजे का प्रावधान

इसके अलावा वकील से बदला लेने के लिए, उसके खिलाफ झूठी शिकायत, मुकदमे या कार्रवाई के मामले में पीड़ित वकील को दो से दस लाख रुपए मुआवजा देने का भी प्रावधान है.

महामारी और प्राकृतिक आपदा में मदद की मांग

इसके अलावा केंद्र सरकार से नियम बनाने को भी कहा है कि जांच या अभियोजन एजेंसी के वकीलों पर दबाव न डाला जाय. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि वकीलों को महामारी और प्राकृतिक आपदा के दौरान सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा भी मुहैया कराई जाय.

-----------------------------------------