वसुदेवंसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनं।
देवकीपरमानंद कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।
भक्तवत्सल,करुणावतार,कृपा के सागर,दीनबन्धु,दीनानाथ पुरुषोत्तम भगवान् राधा वल्लभ,श्रीकृष्ण कितने चंचल है,यह मां यशोदा और नंद बाबा से पूछिए।
कितने गंभीर हैं,यह देवकी से पूछिए।
कितने नटखट हैं,यह गोपियों,ग्वाल-बाल,मित्र सुदामा से पूछिए।
भाई कैसे हैं,द्रौपदी से पूछिए।
कितने छोटे,लाडले और अतृप्त हैं,यह मां यशोदा से पूछिए।
कितने विराट और तृप्ति हैं,यह दुर्योधन से पूछिए।
पति किस प्रकार है,यह रुक्मिणी से पूछिए।
प्रेमी कैसे हैं,राधिकाजी से पूछिए।
शिष्य कैसे हैं,संदीपनी ऋषि से पूछिए।
गुरु कैसे हैं,अर्जुन से पूछिए।
भतीजे कैसे हैं,कुंती से पूछिए।
दयालु कितने हैं,पूतना से पूछिए।
कठोर और वचन कैसे निभाते हैं,शिशुपाल से पूछिए।
वचन कैसे तोड़ते हैं,भीष्म पितामह से पूछिए।
सुंदर कितने हैं,सूरदास से पूछिए।
शक्तिशाली कितने हैं,कनिष्ठ पर उठाने वाले गोवर्धन से पूछिए।
सभी किरदारों को अंतःकरण से पूरा करने वाले,लौकिक जीवन में लीला करने वाले,हम सबके मार्गदर्शन और प्रेरणा स्रोत परमकृपालु पूर्णावतार श्रीकृष्ण के प्राकट्य/अवतार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
परम वैष्णवी मां विश्वेश्वरी एवं परमभागवत वैष्णव बाबा विश्वनाथ की कृपा हम सब पर बनी रहे। मंगल हो।🙏🙏🙏