Science in hindi

@biologyphysicschemistry


Science in hindi

29 Oct, 20:54


The account of the user that created this channel has been inactive for the last 5 months. If it remains inactive in the next 10 days, that account will self-destruct and this channel will no longer have a creator.

Science in hindi

22 Oct, 21:43


The account of the user that created this channel has been inactive for the last 5 months. If it remains inactive in the next 17 days, that account will self-destruct and this channel will no longer have a creator.

Science in hindi

19 Oct, 21:09


The account of the user that created this channel has been inactive for the last 5 months. If it remains inactive in the next 20 days, that account will self-destruct and this channel will no longer have a creator.

Science in hindi

10 Oct, 10:05


The account of the user that created this channel has been inactive for the last 5 months. If it remains inactive in the next 29 days, that account will self-destruct and this channel will no longer have a creator.

Science in hindi

08 May, 09:28


► परमाणु संरचना (Atomic Structure) :-  1803 मे डल्टन ने बताया था की अगर कोई पदार्थ है तो वह छोटे-छोटे कणो से मिलकर बना होता है इन्ही कणो को परमाणु (Atom) बोला गया है |


• चलिये इसे अच्छे से समझते है |


► तो ये प्रोटोन, न्यूट्रोन और इलेक्ट्रॉन आपको समझ मे आगया होगा की इनकी position कहा होती है |

• अब Question ये पूछा जाता है की प्रोटोन, न्यूट्रोन, और इलेक्ट्रॉन का आविष्कार किसने किया | तो इसे हम ट्रिक से याद करेंगे |

1.इलेक्ट्रान - 

• खोज – टॉमसन

• चार्ज -ve (Negetive Charge)

• स्थाई (stable) कण है

2. प्रोटोन

• खोज – रदरफोर्ड

• चार्ज  +ve

• स्थाई (stable) कण है 

3. न्यूट्रॉन

• खोज – चैडविक

• कोई चार्ज नहीं होता 

• अस्थाई (unstable) कण है |

► न्यूट्रोन का सबसे ज्यादा उपयोग नाभिकीय विखंडन मे किया जाता है इससे नाभिकीय ऊर्जा को विघुत ऊर्जा मे परिवर्तित किया जाता है |

► नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) : यूरेनियम – 235 का एक नाभिक है जब इसके ऊपर न्यूट्रोन की बोछार की जाती है तो ये नाभिक दो भागो मे बट जाता है और साथ मे 3 न्यूट्रोन Generate हो जाते है और बहुत अधिक मात्रा मे ऊर्जा निकलती है तो ये जो प्रक्रिया होती है यह नाभिकीय विखंडन कहलाती है |

► अब जो निकले हुए न्यूट्रोन है वो टूटे हुए नाभिक 2 उनसे वापस टकराते है और उनको फिर से Divide कर देते है ये प्रक्रिया जब तक खत्म नहीं होती जब तक नाभिक का अस्तित्व खत्म ना हो जाए | अब जो 3 न्यूट्रोन Generate हुए है इनकी गति बहुत ही तेज़ होती है, इसलिए इस गति को Controll करा जाता है और कभी कभी इस गति को Controll नहीं करा जाता है |

► अब Suppose करते है की 3 प्रोटोन Generate हुए नाभिकीय विखंडन की Proccess के द्वारा अब इनमे से 2 न्यूट्रोन को आवेशित कर लिया मतलब दो न्यूट्रोन को खींच लिया और शांत कर दिया इसे मंदक (Moderator) के द्वारा शांत किया जाता है इस प्रक्रिया को ‘’नियंत्रित शृंखला अभिक्रिया'' बोला जाता है और यही Concept परमाणु रिएक्टर मे भी उपयोग होता है |


► परमाणु रिएक्टर :-   

• एक ऐसी यूनिट है जिस में U -235 का Controlled Fission कराते है |

• नाभिकीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन किया जाता है |

• इसमें ईंधन के रूप में  यूरेनियम,थोरियम, प्लूटोनियम का उपयोग किया जा रहा है |

• मंदक (Moderator) - केडमियम और बोरान की छड़ D2O (भारी जल) और ग्रेफाइट |

► परमाणु बम (Atom Bomb) :

• नाभिकीय विखंडन पे आधारित है |

• बम बनाने में  U - 235 और U -239 का प्रयोग किया जाता है |

• पहला परमाणु बम ओपन हिमर ने बनाया था |

► नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) : 

इस Proccess मे दो या दो से अधिक नाभिक मिलकर एक बड़ा नाभिक बना देते है और साथ मे बहुत अधिक मात्रा मे ऊर्जा निकलती है इस proccess को हम नाभिकीय संलयन कहते है | नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया पृथ्वी पर संभव नहीं है क्यूकी इसके लिए temprature बहोत अधिक चाहिए रहता है तो ये प्रक्रिया वहाँ होती है जहां पर अधिक ताप और दाब है तो ये प्रक्रिया होती है सूर्य पर |


     H + H → He + न्यूट्रॉन + ऊर्जा

• सूर्य पर नाभिकीय संलयन प्रक्रिया

• तारो का प्रकाश

Science in hindi

08 May, 09:28


► सोनार :- इसका उपयोग समुद्र के भीतर छिपी वस्तुओ का पता लगाने में किया जाता है  |

► एनीमोमीटर :- इसका उपयोग वायु की गति मापने में किया जाता है |

► पाइरोमीटर :-  उच्च ताप की माप के लिए उपयोग मे लाया जाता है  |


► बैरोमीटर:- वायुमंडलीय दाब मापने में इसका उपयोग किया जाता है |


► हाइड्रोमीटर :- इसका उपयोग जल का घनत्व नापने के लिए किया जाता है |


► हाइग्रोमीटर :- हवा की आर्द्रता नापने के लिए इसका उपयोग किया जाता है |


► लेक्टोमीटर -  दूध का घनत्व मापने के लिए इसका उपयोग किया जाता है |


► स्टेथोस्कोप : इससे हृदय की धड़कन को सुना जाता है |


► स्फिग्नोमेनोमीटर: इससे Blood Pressure (BP) मापते है |

► केरेटमीटर : सोने की शुद्धता का पता लगाने में इसका उपयोग किया जाता है

► लक्समीटर : प्रकाश की तीव्रता को मापने में उपयोग मे लाया जाता है

► रडार - रेडिओ तरंगो द्वारा वस्तुओ की स्थिति ज्ञात करना |


► सिस्मोग्राफ - इससे भूकंप की तीव्रता मापी जाती है |


► फेदोमीटर : समुद्र की गहराई मापने में इसका उपयोग किया जाता है |


► पोलीग्राफ़ : झूठ पता लगाने का यंत्र |

 

Science in hindi

08 May, 09:28


► ध्वनि :- ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंगे (Longitudinal wave) होती है |

→ तरंग 2 प्रकार की होती है-

• यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves)

• अयांत्रिक तरंगे (Non-Mechanical waves)

► यांत्रिक तरंगे - यह तरंगे वह होती है जिन्हे संचरण करने के लिए माध्यम की जरूरत होती है |

→ यह 2 प्रकार की होती है -

1) अनुप्रस्थ तरंग (Transverse waves)

2) अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave)



→ अब हम समझते है की इनकी Properties मे क्या Diffrence है -

अनुप्रस्थ तरंग (Transverse waves) क्या होती है ?

Suppose करते है कोई तरंग है वह एक माध्यम मे जा रही है तो इस माध्यम मे जो कणो का Movement लंभवत हो रहा है एसी Wave को हम अनुप्रस्थ तरंगे कहेंगे |

► यह ठोसों मे और द्रव की सतह पर संचारित हो सकती है |

       

► अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave) क्या होती है ?

→ Suppose करते है कोई तरंग है वह एक माध्यम मे जा रही है अब इस माध्यम मे जो कण आवृत्ति के समानान्तर Movement कर रहे है तो उसे हम अनुदैर्ध्य तरंग(Longitudinal wave) कहते है |

► अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave) ठोस द्रव गैसों मेउत्पन्न हो सकती है |

► अयांत्रिक तरंगे – इनको संचरण करने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है |

जैसे – प्रकाश तरंगे रेडियो तरंगे |

► ध्वनि की उत्पत्ति :- वस्तुओ में कम्पन्न से होती है |

► V Imp Point:

• ध्वनि किसी भी माध्यम में गमन कर सकती है |

• लेकिन निर्वात (Vacuum) में गमन नहीं कर सकती है | क्योकि यह यांत्रिक तरंग के अंदर आती है |

► आवृति(frequency) के आधार पर तरंगो को 3 भाग मेंबाटा गया ->



• कोई इंसान वही तरंग को सुन सकता है जिसकी आवृत्ति 20Hz से 20,000 Hz तक होती है |

• इसके अलावा जो 0Hz से 20Hz तक की Wave और 20,000 से ऊपर तक की Wave को भी इंसान नहीं सुन सकते है |

► 0Hz से 20Hz की Wave को Infrasonic Waveबोला जाता है |

    

• 20Hz से 20,000 Hz तक की आवृत्ति जिसे मनुष्य सुन सकता है Audible Wave बोला गया है |

     

► 20,000Hz से उससे ऊपर तक की आवृत्ति को Ultrasonic Wave बोला गया है |

    

► ध्वनि की चाल - ठोस > द्रव > गैस मे होती है |  

► Imp Point :- 

• अगर कोई Wave है उस Wave को हम एक Midium से दूसरे Midium मे भेजते है तो उसकी Properties मे क्या-क्या Change आयेगा हम ये समझते है |

• मान लेते है एक माध्यम है और दूसरा माध्यम है पहला वाला ठोस है और दूसरा वाला गैस तो एक माध्यम से दूसरे माध्यम मे Wave जा रही उसकी आवृत्ति मे कोई भी परिवर्तन नहीं होगा |



• आवृति  – No Change  

• इनकी तरंगदैर्य बदल जाती है |

► ध्वनि की चाल पर भौतिक राशियों (दाब, ताप ) का प्रभाव :-

→ दाब :- सामान ताप पर गेसो में ध्वनि की चाल पर दाब को बढ़ाने पर ध्वनि की चाल मे कोई भी परिवर्तन नहीं होगा |

► ताप :- माध्यम का ताप बढ़ाने पर ध्वनि की चाल भी बढ़ेगी |

► ध्वनि के लक्षण -

1)  तीव्रता(Intensity) - ध्वनि तीव्र सुनाई देना

• ध्वनि की तीव्रता मात्रक - डेसीबेल

2) तारत्व(Pitch)  - ध्वनि का मोटा या तीक्ष्ण होना |

• तारत्व ध्वनि की आवृति पर निर्भर करता है आवृति ज्यादा मतलब ध्वनि का तारत्व ज्यादा |

► डाप्लर प्रभाव :- श्रोता और स्त्रोत के बिच आपेक्षित गति है तो आवृति बदलती प्रतीत होती है |



Note:- सोनार (Sonar) एक तकनीक है जिसमे नौचालन जल के अन्दर या सतह पर वस्तुओं का पता करने के लिये ध्वनि संचरण का उपयोग करती है |

Science in hindi

08 May, 09:28


अम्ल और सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिती मे TNT बना लेता है जो की एक विस्फोटक है |



• फिनोल नाइट्रिक अम्ल की उपस्थिती मे TNP बना लेता है |

Note : इसे ही ‘’पिक्रिक अम्ल’’ कहा जाता है |



• ग्लिसरीन सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल की उपस्थिती मे TNG बनाता है |

• इसे ही नाइट्रोग्लिसरीन और नोबल तेल कहा जाता है |

उपयोग : 

• इसका Use डायनामाइड बनाने में किया जाता है |

• डायनामाइड की खोज अल्फ्रेड नोबल ने की |

        

► इसकी खोज - हेंस हेनिंग

► Chemical Name : ट्राई मिथाइलिन ट्राई नाइट्रोमाईन

► RDX को ही साइक्लोनाइट , T-4 के नाम से जाना जाता है |

                   

► खोज -  रोजर बैंकन

► इसको बनाने में पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है |

► नाइट्रोक्लोरोफॉर्म (Chloropicrin): Operation से पहले मरीज को बेहोश करने में इसका उपयोग किया जाता है | 

Science in hindi

08 May, 09:28


► Polymer: Polymer दो शब्दो से मिलकर बना है Poly का मतलब है ''Many'' यानि बहोत सारे और mer का मतलब है ''Unit'' |



• हमारी daily life में हम बहोत से Polymer का use करते है पॉलीथिन, इलेक्ट्रिक Switch,रुई, रस्सी |

► Polymerisation : जब बहोत सारी Unit (Molecule) संयोग करके बड़ी Unit (बड़ा Molecule) बनाते है उसे ही Polymerisation process कहते है | 

चलिये इसे एक Ex से समझते है |



• पॉलिएथिलीन एथिलीन से प्राप्त किया जाता है |

• अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणु को Monomer और Final product को polymer कहते है |

► प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymer):

Ex. स्टार्च

• सेल्युलोज

► Synthetic Polymer : 

Ex. प्लास्टिक (पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन)

Fibres (नायलॉन, पॉलिएस्टर)

रबर 

► प्लास्टिक (Plastics) : रासायनिक प्रक्रिया से तैयार प्लास्टिक 2 प्रकार के होते है -

1 ) थर्मोप्लास्टिक - इस तरह का प्लास्टिक गर्म करने पर मुलायम हो जाता है और ठंडा करने पर कठोर हो जाता है |

Ex : पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन, etc.

2 ) थर्मोसेटिंग प्लास्टिक - इसे गर्म करके एक fix आकर में ढाल लिया जाता है , पुनः गर्म करके आकर Change नहीं किया जा सकता |

Ex :  बेकेलाइट

► पॉलि-एथिलीन : एथिलीन के n Molecule जो होते है वो High Preasure Hight Tempreture पर बड़ा Molecule बनाते है जिसे पॉलि-एथिलीन बोलते है तो यहा पर Monomer एथिलीन हुआ और Polymer पॉलि-एथिलीन हुआ |



 उपयोग :  पैकिंग थेलिया बनाने में | 

► पॉलि-स्टाइरीन : स्टाइरीन के n Molecule जो है वो High Preasure Hight Tempreture पर आपस मे सब लिंक हो जाते है और एक बड़ा Molecule बना लेते है जिसे पॉलि-स्टाइरीन बोलते है इसे एक नाम और से भी जाना जाता है फेनिल एथिलीन |



 उपयोग : 

• बोटलो में

• सेलो के Cover में

• CD Cover में

• खिलौने

• रेडियो

• टेलिविजन 

► PVC (पॉलि-विनाइल क्लोराइड):  विनाइल क्लोराइड के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर एक बड़ा Molecule बना लेते है उसे PVC बोलते है |


• PVC का monomer विनाइल क्लोराइड है |

 उपयोग : 

• पतली चादर

• बरसाती बेग

• पाइप


उपयोग : 

• Electric Switch

• बर्तनों के हत्थे

• बाल्टियो

• रेडियो ,टेलिविजन |

► Natural Rubber (प्राकृतिक रबर) : प्राकृतिक रबर का Monomer आइसोप्रीन है आइसोप्रीन High Preasure High Tempreature पर और Suitable Catalyst की उपस्थिती मे पॉलि-आइसोप्रीन बनाता है |



• ये प्राकृतिक रबर बहुत लचीला होता है इस लिए इसमें कार्बन मिलाया जाता है उसके बाद इसका उपयोग ट्यूब, टायर में किया जाता है |

• ये आइसोप्रीन रबर के पेड़ से लेटेक्स के रूप पे प्राप्त किया जाता है |

► Synthetic Rubber :  नियोप्रिन एक प्रकार का Synthetic Rubber है जिसे क्लोरोप्रीन के बहुलीकरण से प्राप्त किया जाता है |



→ अब हमने नियोप्रिन ,क्लोरोप्रीन, आइसोप्रीन भी पड़ लिया तो हो सकता है आप Confused हो जाये तो बहुत ही आसान तरीका है इसे समझने का तो चलिये देखते है | 

► प्राकृतिक रबर का monomer क्या है एसा Exam मे Questions आ गया और आप Confused हो रहे है की क्लोरोप्रीन, आइसोप्रीन, और नियोप्रिन आपने पड़ रखा है तो Ans तक पहुँचने का सबसे आसान तरीका है की प्राकृतिक जो है तो इसका First Word प्रा आ का Sound दे रहा है तो आपके सामने 3 option है आइसोप्रीन नियोप्रिन और क्लोरोप्रीन तो आपको Simple आ को आ से मिलाना तो आइसोप्रीन जो है वो प्राकृतिक रबर का बहुलक है तो इस तरह से आप आइसोप्रीन, नियोप्रिन और क्लोरोप्रीन मे बिलकुल Confuse नहीं होंगे |



► Fibers :  

Nylon 6

Nylon 66

केवलर

• इन तीनों मे एमाइड ग्रुप Repeat होता है इसीलिए ये तीनों पॉलीएमाइड कहलाते है
• डेक्रान मे एस्टर ग्रुप Repeat होता है इसीलिए इसे पॉलीएस्टर कहलाते है |



 Nylon का उपयोग -

• मछली पकड़ने वाले जाल

• टूथ ब्रश

• रस्सी

 केवलर का उपयोग बुलेट प्रुफ जैकेट बनाने मे किया जाता है |

 डेक्रान/ टेरेलीन का उपयोग

• कपड़ो में

• Ship Sail

• रस्सी

Note : पॉली कार्बोनेट का उपयोग किया जाता है बुलेट प्रुफ window बनाने में किया जाता है |

► पॉलि-एक्राइलो नाइट्राइल : एक्राइलो नाइट्राइल के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर पॉलि-एक्राइलो नाइट्राइल बना लेते है | 



उपयोग : Orlon (ऊन)  बनाने में |  

► Rayon :यह एक Artificial Fiber है जो की सेल्यूलोज से प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग कपडा बनाने में ,कालीन बनाने में |

► टेफ़लोन :  



• टेट्रा फ्लोरो एथिलीन के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर पॉलीटेट्रा फ्लोरो एथिलीन बना लेते है |

 उपयोग : बर्तनो पर न चिपकने वाली सतह के रूप में उपयोग किया जाता है 



TNT

TNP

TNG

RDX

Gun Powder



• टाल्यूईन नाइट्रिक

Science in hindi

08 May, 09:28


ह की गैसे है जबकि आयोडीन (I) एक नीले रंग का क्रिस्टलीय ठोस होता है और ब्रोमिन (Br) द्रवित अवस्था में पाया जाता है |

• हेलोजन के सभी तत्व बहुत ही अभिक्रियाशील होते है, सबसे ज्यादा फ्लोरीन (F) होता है |

► फ्लोरीन के उपयोग : फ्लोरीन से ही क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CFCl2) और पोलीटेट्राफ्लुओरो एथिलीन प्राप्त किया जाता है |  



• फ्रीऑन का उपयोग: Refrigerant (प्रशीतक) की तरह Use की जाती है |



• टेफ्लॉन का उपयोग : बर्तनो, वाहनों पर पेंट की सुरक्षा के लिए टेफ्लान कोटिंग की जाती है,ताकि पेन्ट को स्क्रैच न लगे।


► पदार्थ, को उसके वातावरण के ताप के नीचे तक ठंढा करने की क्रिया को प्रशीतन (Refrigeration) कहते हैं |

► Cl का उपयोग  : 

• ब्लीचिंग पाउडर बनाने में

• मस्टर्ड गैस बनाने में

• जल शुद्धिकरण में (V.imp)

► Br का उपयोग :

• औषधी बनाने में |

• पीड़ानाशक (painkiller) के रूप में 

• ब्रोमीन का एक योगिक सिल्वर ब्रोमाइड (AgBr) फोटोग्राफी में Use किया जाता है |

Note : [ फोटोग्राफी में स्थाईकरण के लिए सोडियम थायोसल्फेट का भी Use किया जाता है ]

► आयोडीन (I)  :रंग उद्योगों में |

► Nobel Gases : Group18 के 6 तत्वों को Noble gas कहा जाता है ,रासायनिक रूप से निष्क्रिय होने के कारण |

Science in hindi

08 May, 09:28


► सल्फर (S) : पृथ्वी पर सल्फर 0.05% उपस्थित है |

• सल्फर से एक महत्वपूर्ण रसायन सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) प्राप्त किया जाता है ,इसे ही तेजाब बोला जाता है (King of Chemicals) |

1) सल्फर ट्राइऑक्साइड को जल में घुलाने से,

2SO2 + O2 = 2SO3

SO3 + H2O = H2SO4 बनाता है |

 2) हाइड्रोजन परॉक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड की सीधी क्रिया से-

H2O2 + SO2 = H2SO4 बनाता है |

Note : सल्फ़र डाई ऑक्साइड (SO2) काफी हानिकारक गैस है जो की उद्योगों से, ज्वालामुखी से निकलती है |

► H2SO4  उपयोग : 

• कार की बैटरी में (V.imp)

• विस्फोटक पदार्थो में

• डिटर्जेंट उद्योग में

• इसका सबसे अधिक उपयोग पेट्रो रसायन उद्योगों में किया जाता है ,प्रयोगशाला में गंदगी साफ़ करने में भी इसका उपयोग किया जाता है |

• सल्फर का उपयोग वल्कीनीकरण (Vulcanization) Process में भी किया जाता है |

• प्राकृतिक रबड़ और  सल्फर  को जब मिलाकर गर्म किया जाता है तो यह अच्छी Quality के रबर (बहुलक) में परिवर्तित हो जाता है इसे ही वल्कनीकरण कहा जाता है |

► शुरुआत में वैज्ञानिक ऐसे रबर की खोज में लगे थे जो मौसम परिवर्तन से प्रभावित न हो तो एक वैज्ञानिक थे गुड़इयर वो भी इसी खोज में जुटे हुवे थे, तो रबर और सल्फर के मिश्रण का प्रयोग करते टाइम ये मिश्रण गर्म स्टोव पर गिर गया 

ये मिश्रण पिघलने की जगह , चमड़े जैसा सख्त हो गया और इसका लचीलापन भी बरक़रार था, इस तरह से वल्कनाइड रबर आस्तित्व में आया |

 इसका उपयोग : टायर, ट्यूब, रबर बैंड, गुब्बारे, वाटर प्रूफ कोट में किया जाता है |

► SO2 (सल्फर डाई ऑक्साइड) : बहुत ही हानिकारक गैस है जो की अम्ल वर्षा के लिए Responsible होती है |

• वायु में इसकी अधिकता होने से पेड़ो की पत्तिया काली होकर गिर जाती है |

• उद्योगो से निकालने वाले धुएँ मे सल्फरडाइ ऑक्साइड होती है ज्वालामुखी से जो धुआँ निकलता है उसमे सल्फर डाइ ऑक्साइड होती है |

नाइट्रोजन (N)

• आयतन के हिसाब से बात करे तो पृथ्वी पर 78 % भाग पर नाइट्रोजन है [आक्सीजन= 21%]

• नाइट्रिक ऑक्साइड Smog (धुंध) के लिए Responsible होता है |

• वह क्षेत्र जहा पेट्रोल और डीजल वाहन अधिक मात्रा में चलते है, वहा पर अधिक मात्रा में धुंध और कुहरा देखने को मिलता है क्यों की ये वाहन अधिक मात्रा में NO produce करते है ये वहाँ CO मतलब कार्बन मोनोऑक्साइड भी Produce करते है |

• सबसे ज्यादा वायुप्रदूषण कार्बन मोनोऑक्साइड करता है | श्वसन के साथ मे ये कार्बन मोनोऑक्साइड हमारे शरीर मे चला जाता है और रक्त मे उपस्थित हीमोग्लोबिन के साथ मे घुल जाता है और रक्त की ऑक्सीज़न वहन क्षमता को कम कर देता है जिससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है |

• नाइट्रिक ऑक्साइड सूर्य प्रकाश के साथ मे क्रिया करके NO2 बनाता है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बनाता है |

► NO2 के भूरे रंग के कारण ही भूरी धुंध दिखाई देती है |

► नाइट्रोजन ऑक्साइड मे NO, NO2, N2O तीनों आते है तो ये नाइट्रोजन के ऑक्साइड है ये Acid rain के लिए भी Risponsible होते है सल्फर डाइऑक्साइड भी अम्ल वर्षा के लिए Risponsible होता है वैसे ही नाइट्रोजन के ऑक्साइड भी अम्ल वर्षा के लिए Risponsible होते है |

• तो चलिये समझते है की Acid Rain किस तरीके से होती है और किस प्रकार से ये हमारे लिए हानिकारक है |

 जब ये हानिकारक ऑक्साइड वायुमंडल मे पहुँचते है तो ये जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल बना लेते है |



► और नाइट्रोजन ऑक्साइड जल के साथ मे क्रिया करकेनाइट्रिक अम्ल बना लेते है |



► जब ये अम्ल पृथ्वी पर वर्षा के रूप मे गिरते है तो इसे ही अम्ल वर्षा Acid Rain कहते है |



Note : अम्ल वर्षा मे सल्फ्यूरिक अम्ल अधिक मात्रा मे होता है |

► N2O नाइट्रस आक्साइड : 

• इसे हास्य गैस कहते है इसे सूंघने पर हंसी आती है |

               

• डॉक्टरों द्वारा यह एनेस्थीसिया के रूप में उपयोग की जाने वाली गैस है |

► नाइट्रोजन के उपयोग : 

• बर्फ बनाने में |

• विस्फोटक पदार्थ बनाने में |

• हेबर विधि में अमोनिया निर्माण में नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है | 

• नाइट्रोजन गैस ठंडी व कम दाब होने के कारण वायुयान के टायरों में उपयोग की जाती है क्यों की वायुयान के टायरों का तापमान उच्च और दबाव अधिक होता है तो वायुयान के उतारते समय टायरों में विस्फोट होने की सम्भावना अधिक होती है |

                 

• नाइट्रोजन पौधो की वृद्धि के लिए एक आवशयक तत्व है, कीटभक्षी पौधे ऐसी जगह पाए जाते है जहा भूमि में नाइट्रोजन की कमी होती है इस लिए ये कीटो को मारकर उसके शरीर से नाइट्रोजन प्राप्त करते है |



• भारत में ये पौधे कश्मीर, दार्जलिंग क्षेत्र में पाए जाते है |

► हेलोजन: आवर्त सरणी के 17 वे Group के Elements को हेलोजन कहते है और इस group के सभी तत्व रंगीन योगिक बनाने के काम आते है |

जैसे : F, Cl, Br, I  

• F Cl हेलोजन समू

Science in hindi

08 May, 09:28


► तंत्रिका तंत्र (Nervous System) : तंत्रिका कोशिकाओ (Neuron) से बना एक जाल (Network) है जो सोचने समझने, याद रखने, और Instruction या मेसेज को शरीर के अन्य अंगो तक पहुचाने का काम करता है |
► Nervous System बना होता है -

• Neuron (तंत्रिका कोशिका)

► न्यूरॉन मस्तिष्क की अक आधारभूत इकाई है और इसका काम मस्तिष्क से सुचना का आदान प्रदान करना होता है |

• Brain (मस्तिष्क)

• Spinal Cord (मेरुरज्जु )

Note : तंत्रिका कोशिका मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका होती है |

#cerebrum
यह मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग होता है |

• बुद्धि और चतुराई का केंद्र सेरीब्रम ही होता है |

• किसी बात की सोचने ,समझने की शक्ति ,याद रखने की शक्ति और बोलना ,सूंघना, प्रेम,भय जैसी Activity 
का नियंत्रण Cerebrum द्वारा होता है |

#Thalamus
• मस्तिष्क का यह भाग दर्द, ठण्डा या गर्म को पहचानने का कार्य करता है |

#Hypothalamus
• अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन पर नियन्त्रण रखता है |

• भूख ,प्यास ,ताप पर नियंत्रण मस्तिष्क के इसी भाग द्वारा होता है |

मध्य मस्तिष्क :

• मस्तिष्क का यह भाग देखने ,सुनने की शक्ति को नियंत्रित करता है |

पश्च मस्तिष्क :

1.Cerebellum (सेरीबेलम):_• मस्तिष्क के इस भाग का मुख्य काम शरीर का संतुलन बनाये रखना होता है |

2. Medulla Oblongata (मेड्युला आब्लांगेटा):-  यह मस्तिष्क का सबसे पीछे का भाग होता है

►  इसका मुख्य कार्य -

• Heart Beat नियंत्रण करना,

• Blood Pressure नियंत्रण,

• श्वसन का नियंत्रण

#Spinal cord
• यह मस्तिष्क का वह भाग है जो Backbone तक फेला होता है |

• इसका मुख्य काम Reflex Action (प्रतिवर्ती क्रिया) का नियंत्रण करना |

Ex : आँखों में कीड़ा गिरने पर आँख का खुद से बंद हो जाना |

Important point

• EEG  का प्रयोग मस्तिष्क सम्बन्धी बीमारी का पता लगाने में किया जाता है |

• Reflex Actions का सबसे पहले मार्शल हाल में पता लगाया था |

• मस्तिष्क का ओसतन वजन 1400 ग्राम होता है |

• ध्यान रखे जन्म के बाद मानव के तंत्रिका उत्तक में कोई विभाजन नहीं होता है |

Science in hindi

08 May, 09:28


► कंकाल तंत्र (Skeleton System) : कंकाल तंत्र (Skeleton System) के अध्यन को - Osteology (ओस्टियोलॉजी) कहते है |

• Skeleton System हमारे शरीर के भीतरी अंगो जैसे हृदय, spinal cord, Liver की रक्षा करता है |

मानव शरीर का ढांचा हड्डियों (Bones) का बना होता है, हड्डियों के उपर मांसपेशिया (Muscles) होती है इसी के कारन हम हड्डियों को हिला डुला सकते है |

• हमारे शरीर मे कुल कितनी मांसपेशियाँ = 656

► V imp Points :

1) हड्डियों को मांसपेशियों से Connect करने वाला Tissue (ऊतक) - टेंडन

2) हड्डियों को हड्डियों से Connect करने वाला Tissue - लिगामेन्ट 

Mammals मेमल्स - बकरी ,बन्दर , शेर, हाथी मनुष्य. ऐंफ़ीबिया |

Endo-Skeleton System 2 भागो से मिलकर बना होता है - Bone (अस्थि), Cartilage (उपास्थि) |

► Bone : एक प्रकार का Connective Tissue (संयोजी ऊतक) होता है |

• शरीर को Protection और Movements प्रदान करती है |

• RBC और WBC के Formation करने का काम करती है |

• Bone अपने अंदर मिनरल्स को Store करके रखती है |

• इसमें उपस्थित Cells - ऑस्टियोसाइट कहलाती है जिसे Mature Bone Cells भी कहते है |

► Cartilage : एक प्रकार का Connective Tissue (संयोजी ऊतक) होता है |

• हड्डियों की तरह कठोर नहीं होता है थोड़ा soft होता है ,इसे आसानी से तोडा जा सकता है |

 Cartilage में उपस्थित जीवित Cells को Chondriocyte (क्रोन्ड्रियोसाइट) कहते है |

 Matrix के बीच बीच में खली जगह होती है जिस में छोटी छोटी थेलिया पाई जाती है जिन्हे कहते है लेकुनी ये जीवित Cells इन्ही में पाई जाती है |

• यह हड्डियों के Joints पर पाया जाता है जैसे elbows, knees .

► Note : मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी '' स्टेप्स '' कान में ही पायी जाती है |

► v.Imp Points -

 महारंध्र (Foramen Magnum) : मनुष्य की खोपड़ी के नीचे की और एक छिद्र होता है जिसे Spinal Cord Pass होती है उसे ही महारंध्र कहते है |

मानव मस्तिष्क का औसत वजन होता है लगभग  = 1.36 kg

 ओडोंटोलोजी : दांतों की बीमारियों और संरचना के अध्यन को कहते है |

Science in hindi

08 May, 09:28


► विटामिन :- एक प्रकार का कार्बनिक योगिक है जिस से कोई कैलोरी /ऊर्जा  प्राप्त नहीं होती, परन्तु ये शरीर में विभिन्न रोगो से रक्षा करता है |

► विटामिन  A ,B ,C ,D ,E ,K इन विटामिन को 2 भागो मे बाटा गया है क्योकि कुछ विटामिन जल मे घुलनशील है और कुछ वसा मे घुलनशील है | अब हम देखते है की कौन-से विटामिन जल मे घुलनशील होते है और कौन-से वसा मे इसे हम Trick से समझेंगे |

► कीड़ा वसा मे घुल गया क्यूकी वह वसा मे घुलनशील होता है और ''KEDA'' मतलब विटामिन K, E,D,A ये सभी विटामिन वसा मे घुलनशील है और vitaamin B और C जल मे घुलनशील है |

Science in hindi

08 May, 09:28


► उत्सर्जन तंत्र (Excretory System) :- जीवो के शरीर से विषैले अपशिष्ट पदार्थो (यूरिया, अमोनिया, यूरिक अम्ल) को निकालने की Process को उत्सर्जन कहते है |

► उत्सर्जी अंग है :-

• Kidney (वृक्क ) 

• त्वचा

• lungs (फेफड़ा) 

• liver ( यकृत )

► Kidney (वृक्क) :-  प्रत्येक किडनी 1 करोड़ 30 लाख नलियों से मिलकर बनी होती है जिसको नेफ्रोन कहते है |

• नेफ्रोन ही किडनी की working यूनिट है |

► कार्य - किडनी रक्त के प्लाज़्मा को छान कर इसे शुद्ध करने का काम करता है |

• किडनी रक्त में से अनावश्यक पदार्थ को फ़िल्टर करके कुछ पानी के साथ यूरिन के फॉर्म में शरीर से बहार निकालता है |

• रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया डायलेसिस कहलाती है |

► सामान्य यूरिन (मूत्र) में  -

• 95 % पानी

• 2.7 % यूरिया

• 2 %  लवण

• 0.3 % यूरिक अम्ल होता है |

• यूरिन का रंग हल्का पीला उसमे उपस्थित यूरोक्रोम के कारण होता है |

• मानव यूरिन की PH - 6 है |

• किडनी में ही पथरी बनती है और ये कैल्शियम आक्जलेटकी बनी होती है |

► Skin (त्वचा) :- 

• Sweat gland पसीने के रूप में अपशिष्ट पदार्थो को बहार निकालती है और शरीर का तापमान नियंत्रित रखती है |

• मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग त्वचा ही है |

► Lungs (फेफड़ा) :- मानव शरीर में CO2 का उत्सर्जन फेफड़ा (Lungs) के द्वारा ही होता है |
•ऊतक (Tissue) : शरीर के ऊतक (Tissue) कार्बोहाइड्रेड ,वसा ,प्रोटीन का Metabolism  (भोजन का ऊर्जा में परिवर्तन) करते है |

→ हमारा जो शरीर होता है वो छोटी-छोटी कोशिकाओं से मिलकर बना होता है कुछ एसी कोशिकाएं होती है जो समान कार्य करती है वो आपस मे मिलकर कोशिकाओ का समूहबना लेती है |

 तो बहोत सारे कोशिकाओं के समूह जब आपस मे मिलते है तो वो एक ऊतक (Tissue) बना लेते है और जब इस तरह से बहोत सारे ऊतक (Tissue) आपस मे मिल जाते है तो एक शरीर का अंग बना लेते है और यही अंग कार्बोहाइड्रेड, वसा, प्रोटीन का पाचन करते है |

► यकृत (Liver) : यकृत हानिकारक पदार्थ अमोनिया और अतिरिक्त प्रोटीन को यूरिया एवं यूरिक अम्ल में बदलकर किडनी की help से उत्सर्जित करता है |

• यकृत वसा के पाचन मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |

Science in hindi

08 May, 09:28


► पाचन तंत्र : हम खाना खाते है और खाने के बाद भोजन हमारे शरीर मे जाता है और पाचन उसकी क्रिया होती है |

• हमारे बॉडी मे अलग-अलग पार्ट्स होते है वो इस भोजन को पचाते है |

• इन सब पार्ट मे एक चीज़ Common होती है वो हम समझते है - 

• हमारी बॉडी मे ग्रंथिया होती है ये ग्रंथिया हमारी बॉडी मे अलग-अलग पार्ट्स मे पाई जाती है और यह ग्रंथिया रस का स्त्रावन करती है और इन रसो मे एंजाइम्स होते है और यही एंजाइम भोजन को पचाते है |

• एंजाइम का कार्य होता है - जब हम भोजन को खाते है तो वह बड़े बड़े अणुओ मे होता है अणुओ को तोड़ने का काम एंजाइम्स का होता है |

→ चलिये हम अब पूरी Proccess को समझते है |

► सबसे पहले हम Start करेंगे मुँह से -

► फिर यह छोटी आंत मे जाते है आमाशय से छोटी आंत मे जब खाना जाता है

Almost आमाशय मे भोजन का पाचन हो जाता है छोटी आंत मे जाने से पहले कुछ रस इससे मिलते है बिलकुल छोटी आंत के Point पर |

→ IMP Points :

• शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत होती है |

• पित्तरस का स्त्रावन यकृत करता है |

• यूरिया का निर्माण करने का काम भी यकृत का होता है |

• यकृत का मुख्य कार्य है की भोजन मे जो जीवाणु होते है विशेले पदार्थ होते है उसको खत्म करता है |

 अब यकृत से पित्तरस आ रहा है और अग्न्याशय से अग्न्याशय रस आ रहा है और ये जाकर जो भोजन छोटी आंत मे जा रहा है यहा पर ये आकर उससे Fast Reaction करता है जो हमने खाना खाया उसके साथ मे Fast Reaction करने के बाद भोजन Almost पच जाता है और Enter करता है Small Intestine (छोटी आंत) मे |

Imp Point

मुँह से लेकर जो NH तक की जो R नली होती है ये लगभग 10 से 12 मीटर की होती है |

ध्यान रखिए सबसे ज्यादा जो भाग होता है इसका वो होता है छोटी आंत मे मतलब भोजन सबसे लंबे समय तक छोटी आंत मे रहता है |

Science in hindi

08 May, 09:28


► पोषक पदार्थ (Nutrients) : जीवो में विभिन्न प्रकार की Biological functions (जैविक कार्य) को संचालन करने के लिए  आवश्यक होते है |

► Biological functions क्या – क्या होते है ?

• बॉडी मे ऊर्जा उत्पन्न करना 

• उपापचायी क्रिया (Metabolic action)

• शरीर की टूट फुट की मरम्मत करना ये सब जो Proccess होती है हमारी बॉडी मे Biological Functions कहलातेहै

• इनको अच्छे तरीके से बॉडी मे संचालित करने का कामपोषक पदार्थ (Nutriens) का होता है |

► अब देखते है पोषक पदार्थ (Nutriens) क्या क्या होते है ?

• कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, वसा ये सब पोषक पदार्थ होते है इन तीनों को इसलिए साथ लिया गया है क्यूकी कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, और वसा जो होते है वह हमे बॉडी मे ऊर्जा प्रदान करते है जबकि विटामिन से हमे ऊर्जा प्रदान नहीं होती है उसका काम अलग होता है

कार्बोहाइड्रेड :- 

• जब कार्बन C, हाइड्रोजन H, ऑक्सीज़न O → 1 : 2 : 1 में मिलकर जो पदार्थ बनाते है उसको कार्बोहाइड्रेड कहते है |

• शरीर की 50 - 75 % ऊर्जा की पूर्ति ये कार्बोहाइड्रेड करते है |

कार्बोहाइड्रेड 3 प्रकार का होता है –

• मोनोसेकेराइट कार्बोहाइड्रेड, डाइसेकेराइट कार्बोहाइड्रेड और पोलीसेकेराइट कार्बोहाइड्रेड

► ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, ग्लेक्टोज, सुक्रोज, माल्टोज, लेक्टोज कार्बोहाइड्रेड के रूप होते है |

• इन सभी मे सबसे जल्दी ग्लूकोज ऊर्जा प्रदान करता है

• फ्रूक्टोज़ हमे शहद से प्राप्त होता है |

• 1 ग्राम ग्लूकोज के पूर्ण आक्सीकरण से 4.2 Kcal ऊर्जा प्राप्त होती है |

• कार्बोहाइड्रेड न्यूक्लिक अम्ल का निर्माण करते है जो अनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाते है |

• गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, आलू, शकरकंद, शलजम, शहद |

प्रोटीन :

• प्रोटीन एक Chemical compound (कार्बनिक योगिक ) है जो 20 अमीनो अम्ल से मिलकर बना होता है |

• शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करना और शरीर की मरम्मत करना प्रोटीन का काम होता है |

• सोयाबीन मे (42%) और मूंगफली में सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलता है |

• 1 ग्राम प्रोटीन के जलने से 4.1 Kcal ऊर्जा प्राप्त होती है |

• प्रोटीन की कमी से बच्चो में क्वाशियोर्कर और मरास्मस रोग हो जाता है |

• दाल,दूध,मछली, अंडा, सोयाबीन, पनीर,दही |

वसा (Fats) :- 

• इसमें C, H, O विभिन्न मात्रा में मिले होते है |

• वसा 20ºc पे ठोस अवस्था में होते है परन्तु यदि वे इस ताप पर द्रव है तो वो तेल कहलाते है |

• सामान्य व्यक्ति को 20 - 30 % ऊर्जा वसा से प्राप्त होना चाहिए |

• वसा की कमी से Skin रूखी हो जाती है और वजन में कमी आ जाती है |

► कार्य - 

• शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है |

• Skin के निचे जमा होकर शरीर के ताप को नियंत्रित करने का काम होता है |

• शरीर के अंगो को चोटो से बचाती है |

► Imp Points :

• अगर हम 1 ग्राम प्रोटीन का दहन करते है तो उससे हमे 4.1 Kcal ऊर्जा प्राप्त होती है |

अगर हम 1 ग्राम वसा का दहन करते है तो हमे 9.2 Kcal ऊर्जा प्राप्त होती है |

Science in hindi

08 May, 09:28


 रक्त का संगठन:-  रक्त एक संयोजी ऊतक होता है और मानव व्यस्क में कुल 5 - 6 लीटर रक्त होता है |

• इसका PH मान 7.4 होता है |

• रक्त प्लाज्मा और रक्त कोशिकाओ से मिलकर बना होता है |


► प्लाज्मा : प्लाज्मा हमारी बॉडी मे 55% होता है |

 

• प्लाज्मा पानी और अन्य पदार्थ का मिश्रण होता है पानी प्लाज्मा मे 90% होता है और बाकी जो अन्य पदार्थ है वह 10% होते है ये अन्य पदार्थ प्रोटीन, यूरिया, फास्फेट, बाईकार्बोनेट होते है |

→ प्लाज्मा IMP Points :

• प्लाज्मा मे फाइब्रिनोजेन प्रोटीन पाया जाता है जो रक्त का थक्का जमने में मदत करता है |

• ताप नियंत्रित रखता है |

• घाव भरने का काम करता है |

► रक्त कोशिकाएँ : ये रक्त कोशिकाए RBC (लाल रक्त कणिकाएँ), WBC (श्वेत रक्त कणिकाएँ) और Platelets होती है |

• रक्त कोशिकाओ मे RBC सबसे ज्यादा होते है फिर Platlets होते है फिर WBC जो होते है वो सबसे कम होते है |



► RBC (लाल रक्त कणिकाएँ) : 

• रक्त में 90% होती है |

• Life - 120 दिन |

 निर्माण - Bone marrow (अस्थिमज्जा) मे होता है |

• मृत्यु - प्लीहा (Spleen) मे ही हो जाती है (RBC का कब्रिस्तान ) कहा जाता है |

• Work - ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड का संवहन करना |

• RBC में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है |

► RBC की कमी से होने वाले रोग :-

1. एनिमिया (अरक्तता)

2. पीलिया (Jaundice)

► WBC (श्वेत रक्त कणिकाएँ) : 

 सबसे कम होती है रक्त में |

• Life : 3 - 4 दिन 

• आकार में सबसे बड़ी होती है |

• निर्माण - Bone marrow मे होता है / मृत्यु - रक्त में ही हो जाती है |

Work - Immune System (प्रतिरोध क्षमता )को बढ़ाती है |रोगाणुओं से रक्षा करना | घाव भरने का काम होता है |

► WBC के 2 Types होते है |

 लिम्फोसाइटस

• वो श्वेत रक्त कणिकाएँ जो बीमारियों से बचती है |

 मोनोसाइटस (Largest Cell of  Body)

• जो घाव को भरने का काम करती है |

► WBC कमी से होने वाले रोग :- 

• एड्स - HIV वायरस के कारण होता है |

• Blood कैंसर होता है |

► अगर WBC की मात्रा कम हो रही है तो हम उसे ल्यूकोपिनिया कहते है और अगर WBC की मात्रा बढ़ रही है तो इसे ल्यूकेमिया कहते है |

Note:- विटामिन A रक्त में WBC को बढ़ाता है |

Platelets :- 

• रक्त में संख्या 4.5 लाख से 6 लाख पर लीटर होती है |

कार्य - शरीर में कट लग जाने पर रक्त के बहाव को रोकना |

• चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों में Platelets की मात्रा में एकदम से कमी आ जाती है |

• डेंगू - एडीज़ एजेप्टी मच्छर के काटने से होता है |

Note :- मानव शरीर में खून हेपेरिन की उपस्थिति के कारण नहीं जमता |

► रक्त परिसंचरण तंत्र :- हमारे शरीर मे रक्तपरिसंचरण धमनी और शिराएँ करती है |

► धमनी: धमनी ऑक्सीजन युक्त शुद्ध खून ले जाती है lungs से heart तक |

→ अपवाद :- पलमोनरी धमनी अशुद्ध रक्त ले जाती है organ से lungs तक |

► शिराएँ : शिराएँ  अशुद्ध खून ले जाती है organ से lungs तक |

→ अपवाद :- पलमोनरी शिराएँ शुद्ध रक्त ले जाती है lungs से heart तक  |

Science in hindi

08 May, 09:28


► ग्रंथिया :- Body के वो Part  जो रासायनिक पदार्थ ( एन्जाइम, हार्मोन्स ) का उत्सर्जन करते है |

• हमारी बॉडी मे कुछ ग्रंथियां एसी है जो एंजाइम का उत्सर्जन करेगी और कुछ एसी है जो हार्मोन्स का उत्सर्जन करती है |

• उसी के Bases पर ग्रंथियो को बाटा गया है पहला बाहय स्त्रावी ग्रंथि बोला गया है और दूसरी अन्तः स्त्रावी ग्रंथि बोला गया है |

→ कुछ ग्रंथि एसी है जो एंजाइम का स्त्रावन करती है उसे बाहय स्त्रावी ग्रंथि कहते है |

→ ऐसी ग्रंथि जो हार्मोन का स्त्रावण करती है वो अन्तः स्त्रावी ग्रन्थि कहलाती है |

अन्तः स्त्रावी ग्रंथि होती है -

• पियूष ग्रंथि

• थाइरॉइड  ग्रंथि

• पैरा थाइरॉइड  ग्रंथि

• एड्रिनल ग्रंथि

► ऐसी ग्रंथि जो हार्मोन + एन्जाइम का स्त्रावण करती है वो मिश्रित ग्रन्थि कहलाती है → अग्नाशय

► पियूष ग्रंथि :- 

          

• यह मस्तिष्क में रहती है |

• इसे Master Gland और सेल टर्सिका बोलते है |

• इस ग्रंथि से STH हार्मोन निकलता है |

• शरीर की वृद्धि, हड्डी की वृद्धि का नियंत्रण करता है |

V. Imp :- मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पीयूष ग्रंथि होती है |

 थाइरॉइड ग्रंथि :- अन्तःस्त्रावी ग्रंथि सबसे बड़ी ग्रंथि है |

• TSH हार्मोन ही थाइरोइड ग्रंथि को हार्मोन स्त्रावित करने के लिए प्रेरित करता है |

• मनुष्य के गले में साँस नली के निचे स्थित होती है |

थाइरॉक्सिन  हार्मोन :- आयोडीन की अधिक मात्रा होती है इसको Endocrine System का पेसमेकर कहते है |

→ कार्य :- पियूष ग्रंथि के हार्मोन के साथ मिलकर शरीर के जल संतुलन का नियंत्रण करते है |

• इस हार्मोन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है |

► पैरा थाइरॉइड ग्रंथि :- थाइराइड ग्रंथि के पीछे ही पैरा थाइराइड ग्रंथि स्थित होती है |

• इससे निकलने वाला हार्मोन Blood में कैल्शियम (Ca) की मात्रा का नियंत्रण करता है |

► पैराथाइराइड ग्रंथि से 2 हार्मोन निकलते है -

• पैराथाइराइड हार्मोन 

• कैल्सिटोनिन 

→ अब ये किस Condition मे निकलते है वो हम देख लेते है -

• पैरा थाइराइड हार्मोन जब निकलता है जब Blood मे कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है |

• जब Blood मे कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाति है तब कैल्सिटोनिन हार्मोन निकलता है |

► इन हार्मोन के unbalanced हो जाने पर पथरी जैसी बीमारी हो जाती है |

► एड्रिनल ग्रंथि :- ये ग्रंथि जीवन रक्षक हार्मोन को उत्सर्जित करती है |

• इस ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन मनुष्य शरीर के रक्तचाप को Control करते है |

→ इसके 2 पार्ट होते है -

Cortex वाले पार्ट से ग्लूको कार्टी क्वाइड्स हार्मोननिकलता है |

► और Medulla वाले से पार्ट से एपिनेफ्रिन हार्मोननिकलता है |

⇒ ग्लूको कार्टी क़्वाइडस : कार्बोहाइड्रेड ,प्रोटीन ,वसा नियंत्रित करने का काम करता है |

⇒ एपिनेफ्रीन : दिल धड़कना एकदम से बंद करदे तो उसे चालू करने का काम होता है |

Note :- Cortex में दिक्कत आने से एडिसन रोग हो जाता है | एड्रिनल ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन को Fight and Flight हार्मोन कहते है |

► अग्नाशय :- अग्नाशय के एक भाग में अलग अलग कोशिका होती है |

→ जैसे -

• α कोशिका

• β कोशिका से इन्सुलिन नामक हार्मोन निकलता है |

• γ कोशिका

► इन्सुलिन की कमी से मधुमेह रोग होता है |

► मधुमेह दिवस 14Nov को मनाया जाता है |