Deshi Kahaniya

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11 Oct, 10:21


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10 Dec, 17:04


वो पागल हो गई और सिसकारियां भरने लगी- आह आह आह!उसने अपना मेरा मुंह अपनी चूत पर दबा दिया और अपनी कमर हिला कर अपनी चूत चटवाने लगी।उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गए और मैंने घूम कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया।
उसकी चूत चाटने में मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।
वह बिल्कुल आइसक्रीम की तरह लंड चूस रही थी और पूरा लंड मुंह में अंदर बाहर कर रही थी।फिर उसने मेरे टट्टों पर जीभ फेरनी शुरू कर दी.मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उसके मुंह में झटके मारने लगा।
5 मिनट तक यही सब चलता रहा और वह झड़ गई.
मैं उसका सारा माल पी गया और उसके मुंह में अपने लंड के झटके मारता रहा।वो मस्ती में मेरा लंड चूस रही थी.
मेरा एक बार भी नहीं निकला था.5 मिनट और लंड चुसवाने के बाद मैं उसके ऊपर आ गया अब मैं अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा.वह पागलों की तरह सिसकारियां ले रही थी।
तभी उसने मुझे बोला- जानू अब लंड अंदर डाल दो! मेरा बहुत मन कर रहा है.और उसने अपने आप से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रख दिया क्योंकि वह 1 साल से चुदी नहीं थी।मैंने धीरे से लंड अंदर डाला और उसके मुंह से आह निकल गई.उसने मुझे बोला- बेबी धीरे धीरे डालना।
मैंने उसकी दोनों टाँगों को खोलकर धीरे-धीरे लंड डालना शुरू किया आधा लंड डालकर मैंने झटके मारने शुरू किए।उसकी चूत गीली होने के कारण आधा लंड अंदर चला गया.लगभग 2 मिनट बाद थोड़ा सा दर्द होने के बाद वह पूरा लंड ले गई।एकदम से पूरा लंड अंदर जाते ही उसके मुंह से चीख निकली.
मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर चलानी शुरू कर दी.
उसे मजा आने लगा और वह आह आह करने लगी.
मैंने अपनी कमर तेज तेज चलानी शुरू कर दी और हमारी ताबड़तोड़ चुदाई की शुरुआत हो चुकी थी।उसकी आवाज सुनकर मुझे जोश चढने लगा और मैंने जोर जोर से अपना लंड उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया।
अब उसके मुंह में से हल्की-हल्की चीख निकलने लगी।
मैंने उसकी दोनों टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और और पैरों के भार बैठकर कर उसकी चूत में अपना लंड पेलने लगा.साथ में मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियां दबानी शुरू कर दी।उसे और मजा आने लगा.
10 मिनट तक ऐसे चुदाई करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाला और साथ में उसकी चूचियां पकड़ ली उसको पीछे से चोदना शुरू कर दिया।
मैं बहुत तेज धक्के लगा रहा था जिस वजह से उसकी चीखें निकल रही थी.5 मिनट बाद वो झड़ गयी।पर मेरा माल अभी नहीं निकला था तो मैंने उसे चोदना जारी रखा.2 मिनट बाद वो बोली- मुझे दर्द हो रहा है।
इसलिए मैं नीचे आ गया और मैंने उसको अपने ऊपर बैठा लिया उसने ऊपर आकर अपनी चूत में लंड डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगी।मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियां पकड़ ली और दबाने लगा।वह अपनी चूत मेरे लंड पर मार रही थी और मैंने नीचे से झटके मारने लगा।
5 मिनट मेरे लंड पर कूदने के बाद उसने आगे पीछे होकर लंड को लेना शुरू कर दिया।इस पोज में हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और उसको बेड पर झुका दिया और पीछे से लंड डालकर उसकी चुदाई शुरू कर दी।पांच मिनट बाद जब मेरा माल गिरने को आया तो मैंने उसको घुमा कर अपना लौड़ा उसके मुंह में दे दिया और अपनी कमर हिलाने लगा।एक-दो मिनट बाद मेरा सारा माल उसके मुंह में झड़ गया।वह मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी पर मैंने पूरा लंड उसके मुंह में दे रखा था।इस वजह से मेरा सारा माल उसके गले से नीचे उतर गया।मैं संतुष्ट होकर बेड पर लेट गया।
वह बाथरूम में गई और जाकर अपनी चूत और मुंह को धोकर आई और आकर मुझे गले लगा कर कर लेट गई।
उसके बाद सारी रात हमने 4 बार और चुदाई की जिसमें से हमने एक बार सुबह जब वह वापस जाने लगी तो नहाते हुए चुदाई की।
उसे मेरे साथ चुदाई कर कर बहुत मजा आया.

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10 Dec, 17:04


फेसबुक पर मिली लड़की को होटल में XX....


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमोल है और मैं अहमदनगर शहर का निवासी हूं।
मेरी उम्र 28 साल है. मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट 5 फीट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और इसकी मोटाई भी अच्छी है.
दोस्तो, यह कहानी है जब मे फेसबुक पर सेक्स कहानियाँ लिखता हु तब मुझे फेसबुक पर एक लड़की मिली जिसे मेरी कहानियाँ पसंद आयी थी जिसको मैंने उसके शहर में जाकर सेक्स का मजा दिया.
वैसे तो मेरी गर्लफ्रेंड से रह चुकी हैं और मैंने बहुत बार चुदाई की है पर यह लड़की मुझे लॉकडाउन के समय फेसबुक पर मिली जिसको मैंने होटल में चोदा !
दोस्तो, मैंने लॉकडाउन में भारी अंतर के चलते फेसबुक पर कहानियाँ लिखना शुरु किया।वहां मैंने अपनी सुंदर सुंदर फोटो लगा दी ताकि मेरी प्रोफाइल अच्छी लगे और अपने बारे में लिख दिया।
उसके बाद मेरी बहुत लड़कियों से बात हुई.
परंतु एक लड़की से बात हुई जोकि पुणे में रहती थी।
लड़की का नाम श्रेया था.
शुरू शुरू में हमारी नॉर्मल बातें हुई जैसे कि आप क्या करते हैं कहां रहते हैं।यह सब एक महीने तक चलता रहा.
उसके बाद हमारी थोड़ी बहुत नॉनवेज बातें होने लग गई और 1 महीने तक हम चुदाई की बातें भी करने लगे।
वह बहुत टाइम से सिंगल थी और लगभग 1 साल से चुदी नहीं थी.
पर मैंने तो मार्च में ही चुदाई की थी और मन तो मेरा भी बहुत कर रहा था किसी की चूत चोदने के लिए!
मेरा लंड हमेशा तैयार रहता था.
श्रेया का रंग गोरा था. उसकी हाइट 5 फुट 7 इंच के करीब थी, शरीर भरा हुआ था. उसके बूब्ज़ 36 इंच के थे और उसकी गांड उससे भी बड़ी 40 इंच की थी।
काम के चलते हम मिल नहीं सकते थे तो वह वीडियो कॉल कर मुझे अपनी चूची और अपनी गांड दिखाया करती थी और मैं उसे देखकर अपना लंड हिलाता था।
श्रेया शुरू से ही हॉट थी वह वीडियो कॉल पर भी अपनी चूत में उंगली करके मुझे दिखाती थी और अपनी चूत में उंगली करते हुए मुझे वीडियो भेजती थी।
हम दोनों एक दूसरे से चुदाई की बातें करके गर्म हो जाते थे और इंतजार कर रहे थे कि कब मिलकर एक दूसरे की आग बुझायें।
और बहुत सब्र करने के बाद वह दिन आया हम दोनों को मिलने का मौका मिला।
उसने उसके ही शहर में पुणे में एक होटल में रूम बुक किया.वह अपनी सहेली के घर रुकने का बहाना लगाकर मुझसे मिलने आई।उसे पता था कि आज हम पूरी रात चुदाई करने वाले हैं.
हमने होटल में एंट्री की और रूम में चले गए। अब हमारे पास पूरी रात थी।वहां जाकर हम ने चेंज किया और अपने नाइट सूट पहन लिए।वह अपने घर से ही पीने के लिए फ्लेवर्ड हुक्का लेकर आई थी। उसने सुलगाया और उसमें फ्लेवर डालकर करके कश लगाने लगी।फिर उसने एक बीयर मंगवाई और पूरी बीयर खत्म कर गई।
उसके बाद हमने खाना खाया और थोड़ी बहुत बातें की.
उसके बाद उसने एक बीयर और खत्म कर दी जिससे उसे नशा हो गया।और फिर उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगी।10 से 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और मैं उसकी गांड से खेलता रहा.हम दोनों गर्म होने लगे थे।
उससे बीयर चढ़ गई थी, उसने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख कर चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके गर्दन पर अपनी जीभ फेरने शुरू कर दी।गर्दन चूमते चूमते मेरे हाथ उसकी गर्दन पर चल रहे थे और मैं उसकी गांड दबा रहा था।इतने में मैंने उसे उल्टा घुमा कर उसकी गर्दन के पीछे किस करनी शुरू कर दी और दोनों हाथों से उसकी चूचियां दबाने शुरू कर दी.वो आहें भरने लगी और मेरा लंड टाइट होने लगा।उसने अपना हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड से खेलने लगी।उसके बाद वह वापस घूम गई और उसने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिये।
10 मिनट तक हमारी किस चली और उसके बाद मैंने उसकी चूचियां जोर जोर से दबाने शुरू कर दी.फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया और ब्रा में से उसकी चूचियां दबाने लगा।उसके हाथ मेरी गर्दन पर थे और मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसकी बाई तरफ वाली वाली चुची को अपने मुंह में भर लिया और उसके निप्पल चूसने लगा और साथ में अपने हाथ से दाईं तरफ वाली चूची को दबाने लगा।उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी- आह अआह!
अभी तक हमें यह सब खड़े होकर कर रहे थे पर तब मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी दोनों चूचियों को अपने मुंह में लेकर खेलने लगा. कभी मैं उसकी बायीं तरफ वाली वाली चूची को चूस रहा था और कभी दायीं तरफ वाली।फिर मैंने उसके पेट पर किस करना शुरू कर दिया और उसकी नाभि में जीभ डालने लगा.वो पागलों की तरह मेरे बालों में हाथ से रही थी।उसके पेट को चूमते हुए मैं उसकी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा और फिर दोबारा से मैंने उसकी चूचियां मुंह में डाल दी।
फिर मैंने नीचे जाकर उसका पजामा उतारा और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूमने लगा।
उसकी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी।मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा।

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07 Sep, 04:47


फिर कोई 2-3 मिनट बाद मैंने तीसरे झटके में अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया था और अब उसकी सील टूट गयी और खून निकलने लग गया!
अब कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे जब तक उसका दर्द कम नहीं हो गया, फिर कुछ देर में मैं अपने लंड को हिलाने लगा और ट्रेन की तरह अपनी स्पीड को बढ़ाने लगा अब तो उसको भी मजे आ रहे थे और सिसकारियां ले रही थी. अब मुझ में और बुलेट ट्रेन में कोई ज्यादा फर्क नहीं था, बहुत तेज चोदने लगा अपनी बहन की चूत को, पूरा बेड ऐसे हिल रहा था कि मानो बहुत तेज वाला भूकंप आया गया हो!
अब वो बेड भी डांसिंग बेड बन गया था. अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने लंड भर निकाल कर पूरा माल उस के पेट और बूब्स पे डाल दिया और हम दोनों आराम से बेड पर लेट गए. यह कहानी आप देसी स्टोरी टेलीग्राम चैनल पर पढ़ रहे हैं। यदि आप यह कहानी अन्य चैनलों पर पढ़ रहे हैं तो कृपया Desi_story सर्च करके हमारे चैनल से जुड़ें थोड़ी देर बाद फिर चूमा चाटी शुरू हो गई, इस बार उस को घोड़ी बनने को बोला तो वो बन गयी और फिर से चुदम चुदाई शुरू!
फिर हम एक साथ नहाने गए और एक दूसरे को नहलाया और फिर से बाथरूम सेक्स किया, बाथरूम में पूरी चुदाई तो नहीं की पर खूब मजे लिए हम भाई बहन ने एक दूसरे के नंगे जिस्म के!
दोस्तो, बाथरूम सेक्स तो उसके बाद मेरा पसन्दीदा सेक्स बन गया.
अब हम थक चुके थे तो बांहों में बांहें डाल कर नंगे ही सो गए!
अगले दिन हमने फिर से सेक्स किया और बहुत किया.
अब मैं हर महीने घर जाता हूँ… कारण आप सभी जानते ही हो! जैसा सुख बहन के साथ सेक्स करने में और नंगा साथ बांहों में बाहें डालकर सोने में आता हैं वैसा सुख कही भी नहीं आता!
मैंने ये सब भाई बहन की चुदाई की बात अपने एक बचपन के दोस्त से बता रखी हैं, अब वो मेरी सहायता लेकर अपनी बहन को पटाने के बहुत करीब है, जल्द ही हम दोनों मिल कर उस की बहन को चोदेंगे, उस की बहन 21 साल की है और बहुत सेक्सी है, मुझे तो उसके चुचे बहुत पसंद हैं! दावा करता हूँ जल्द ही उस को चोद कर कहानी लिखूंगा!
तो दोस्तो, मुझे लगता है कि किसी भी लड़की को पटाने से आसान अपनी बहन को पटाना है, जब मन करे, तब करो, बस थोड़ी सी हिम्मत चाहिए फिर मजा ही मजा है!
अब मैं प्रदीप यादव आप सभी से विदा कहता हूँ! दोस्तो मेरी भाई बहन की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, मुझे comment करके जरूर बताना.

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07 Sep, 04:47


कुछ देर में ही उस की चूत से पानी रिसने लगा तो मैंने अपना तोप तान कर उस की चूत पे रख दिया, तो वो बोली- भाई, आज नहीं… ये फिर कभी करेंगे!
तो मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी गया और फिर हमारी बात हुई कि हम चुदम चुदाई नहीं करेंगे पर जब भी मिलेंगे मजे खूब करेंगें!
सोमवार को मेरा कॉलेज था तो मुझे सुबह जल्दी निकलना पड़ा और सुबह मीतू को किस किया और आ गया, जैसे पति काम पे जाने से पहले पत्नी को करके जाता है!
इस बार मैं वापस आकर बहुत खुश भी था और दुःखी भी!
बताओ क्यों?
क्योंकि मेरा चुत देखने का प्लान तो कामयाब हो गया था पर मेरे लंड की सील तो अभी भी पैक थी!
दोस्तो, बहन के साथ सेक्स करना इतना भी आसान नहीं हैं, पकड़े जाने पर गांड भी टूटती है और इज़्ज़त की माँ बहन एक हो जाती है.
तो मुझे हर एक कदम बहुत सोच समझ कर रखना था, और इस बार चोदने का प्लान करने लगा! मैं कोई भी काम ऐसे ही नहीं करता, उस के बारे में सब कुछ पढ़ कर करता हूँ, तो मैं किताबें पढ़ने लगा कि लड़कियों को सेक्स के लिए कैसे राज़ी करते हैं.
तो मैं कहानी के बीच में आप सबसे यही कहना चाहूंगा कि अगर आप भी अपने भाई या बहन को चोदने की सोच रहे हैं तो सोच समझ कर करना या किसी अनुभवी व्यक्ति की सहायता से करें!
अब मैं वापिस अपनी कहानी पे आता हूँ कि मैंने क्या किया उसके बाद!
मैंने बहुत पढ़ने के बाद पाया कि लड़की की चुदने की वासना जगाना बहुत जरूरी होता है, अब मैं घर जाने की तैयारी में लग गया.
कुछ दिन बाद मम्मी ने मुझे फोन पर कहा- प्रदीप, मैं इस शुक्रवार को तेरे मामा के घर जा रही हूँ तो तू घर आ जा, मीतू अकेली कैसे रहेगी!
इतना सुनते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया और फिर मैं बाथरूम में जाकर मीतू के नाम की मुठ मारने लग गया!
अब मेरा प्लान शुरू होता है, सबसे पहले मैंने अपने मोबाइल का स्पेस खाली किया और बहुत सारी बहन भाई की पॉर्न वीडियो भर ली!
अब मैं घर गया और शाम को पहुँचा तब तक मम्मी भी जा चुकी थी, और मैं तो हो गया शुरू!
खाने खाते ही मैंने अपनी बहन को गोद में उठा लिया तो वो बोली- रुको, मैं सारे काम करके आती हूँ. फिर हमारे पास दो दिन है, आराम से करना!
जब वो आयी तब तक मैं अपने लैपटॉप में पोर्न चला चुका था.
वो चिल्लाने लगी- बंद करो इसे! बाद में चला लेना!
मैंने उसे शांत करते हुए कहा- पगली आ कर तो देख मैं तेरे लिये क्या लाया हूँ!
वो चली आयी और आकर मेरे गोद में बैठ गयी और मजे लेने लगी! जब तक एक पूरी वीडियो खत्म नहीं हुई तब तक मैंने बूब्स और किस के अलावा कुछ नहीं किया क्योंकि घोड़ी कभी भी लात मार सकती है.
उस ने उस वीडियो में पूरी चुदम चुदाई देखी.
दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि साइंस कहती है कि जैसा आंखें देखती हैं, बस मन वैसा जरूर सोचता है तो मुझे पक्का विश्वास था कि मीतू अब चुदने के बारे में सोच रही थी.
तभी मैंने एक और वीडियो चला दी, और इस बार मैंने लैपटॉप को पास ही एक कुर्सी पे रख दिया और हम दोनों भाई बहन साथ साथ देखने लगे.
इस वीडियो में लड़की लड़के के कपड़े उतारती है तो मैंने कहा- जयसे ये कर रहे हैं ना, वैसा ही हम करेंगे, बहुत मजा आएगा.
फिर मीतू ने मेरे कपड़े उतारे और मुझे लिप किस करने लगी, फिर मैंने उसे बेड पे खड़ा किया और पूरे शरीर पे चूमना शुरू किया, जैसे गर्दन पे, नाभि, कान, पेट!
दोस्तो, ये सब करना बहुत जरूरी है, अगर आप कुंवारी चुत चोदने जा रहे हो तो!
मैं अब अपनी एक उंगली से उस की चुत को रगड़ रहा था. जितनी तेज मेरी उंगली चल रही थी, उतनी ही तेज उस की सिसकारियां निकल रही थी, और साथ ही मैं उस के चूतड़ों को भी चूम रहा था.



अब मैंने वीडियो के अनुसार मीतू को उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया और बूब्स को चूसने लग गया. मेरी एक उंगली अभी भी उसकी चुत पर थी, अब मेरा लंड मुँह में लेना था पर उसने मना करते हुए बोली कि ये गन्दा है मैं मुँह में नहीं लूँगी.
मेरी बहन मेरे लंड को हाथ मे लेकर ऊपर नीचे करने लगी जैसे वीडियो में हो रहा था.
फिर मैंने बाजू में पड़ी पैन्ट से कंडोम निकाला और अपने लंड को पहना दिया और चुत को चाटने लगा.
कुछ ही देर में मैंने उसकी चुत गीली महसूस की तो मैंने अपना लंड चुत पे रख दिया तो उसने थोड़ा हिलने की कोशिश की पर एक बार कहते ही मान गयी.
बस फिर मैंने अपने हाथ बूब्स पे रखकर थोड़ा सा धक्का मारा तो मेरे लंड की टोपा उस की चुत में था और वो दर्द के मारे रोने लगे गयी, आंखों में आँसू… मुँह से साफ पता लग रहा था कि बहुत डर रही है.
फिर मैंने कुछ देर बाद एक और धक्का मारा तो उस की चीख निकल गयी पर मेरा लौड़ा आधा उस की चुत में जा चुका था. वो चिल्ला रही थी और बोल रही थी- बस भाई, निकाल लो, बहुत तेज दर्द हो रहा है.

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07 Sep, 04:47


फिर क्या था, मैं पागलों की तरह उसकी गर्दन पे किस कर रहा था और अपने हाथों से उस के बूब्स बड़े ही आराम से सहला रहा था. मुझे पता था कि कभी भी उसने ऐसा नहीं करवाया है तो बहुत समझदारी दिखा रहा था.
जब कोई 20 साल का लड़का पहली बार किस करेगा तो जरूर पागल हो जाएगा, क्यों दोस्तो?
इतनी देर में मम्मी की आवाज़ आ गयी- प्रदीप दूध ठंडा हो गया पी ले!
और मुझे गर्म माल को छोड़कर जाना पड़ा.
अब दूध पी कर मैं सीधा बाथरूम में गया और मीतू की पैंटी लेकर उसके नाम की मुठ मारने लगा और अपना पूरा माल उसकी पैंटी में छोड़ कर आ गया.
कुछ देर बाद मम्मी बोली- मैं मीतू के पास सो रही हूँ, तुम यही टीवी वाले कमरे में सो जाओ.
पर अब मुझे कहां नींद आने वाली थी, मेरे मन में तो मीतू के बूब्स घूम रहे थे.
अगले दिन रक्षाबंधन था, उसने राखी बांधी और सभी अपना अपना काम करने लग गए. मम्मी खेत में चली गयी, हमें पता था कि मम्मी शाम को देर से आएगी, फिर मैं मोबाइल पर कुछ करने लग गया और मीतू पढ़ने लग गयी.
फिर उसने बोला- भाई कुछ पढ़ा दो, समझ नहीं आ रहा!
वो कुर्सी पे बैठी थी, मैं पीछे से गया और उसको पढ़ाने लगा और मेरा चेहरा उस की गर्दन के पास था, बार बार उस की गरदन को भी चूम रहा था और अपना हाथ उसके जांघ पे रख कर सहला रहा था.
वो स्माइल दे रही थी और कुछ भी नहीं कह रही थी. फिर हमने मिल कर खूब पढ़ाई की.
मैं वहाँ पर अच्छा महसूस नहीं कर रहा था क्योंकि वहाँ बहुत गर्मी थी तो मैंने कहा- चलो अंदर कमरे में चलते हैं.
फिर मैंने उसको अपनी बांहों में उठा कर बेड पे लिटा दिया और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर उसके होंठों पर किस करने लग गया. जब वो पूरी तरह गर्म हो गयी तो मैं अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख कर सहलाने लग गया.
अब वो भी पूरी तरह खुल चुकी थी तो उसने मेरे लंड पे हाथ रख दिया, उस समय तो दोस्तो, क्या बताऊँ… मैं सातवें आसमान पे था.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी टीशर्ट के अंदर डाल दिया और कुछ देर में मैंने उस के बूब्स को उस की टीशर्ट से आजाद कर दिया और बूब्स को चाटने लग गया. जब मैंने अपना हाथ उस की चूत पे रखा तो उसने मना कर दिया.
मैंने भी जबरदस्ती नहीं की कि जो काम प्यार से हो रहा हो तो जबरदस्ती क्यों!
कुछ घंटे बाद, वो रसोई में कुछ बना रही थी. मैं भी रसोई में चला गया और उस के पीछे खड़ा हो गया, मेरा लंड उस की गांड पे टच हो रहा था, मैं उस की गर्दन को चूम रहा था.
वो बोली- भाई देखो कुकर में से पानी निकल रहा है.
मैंने उस की गर्दन को दूसरी तरफ से टच करते हुए कहा- इधर से भी पी लूं पानी?
उसने हँसते हुए कहा- पी ले, सब तेरा ही तो है.
फिर मुझे क्या था, मैं तो लग गया और मेरे दोनों हाथ उसके चूचों पे थे और मैं धीरे धीरे सहला रहा था. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी टीशर्ट के अंदर देना चाह तो उसने हाथ पकड़ लिया और बोली- यहाँ नहीं!
और फिर हम दोनो रसोई से बाहर आ गए.
फिर मैं जल्दी से बाथरूम गया क्योंकि तब तक मेरा पजामा पूरा गंदा हो चुका था.
फिर मैंने बरमुडा पहना और बाहर आ गया, उसके बाद तो मैंने उसे पूरे दिन अपनी गोद में उठा उठा कर चूमा और बूब्ज दबाये और चूसे पर उसने चूत को टच नहीं करने दिया. मैं उस दिन में कई बार झड़ चुका था.
उसके अगले दिन मैं फिर से अपनी पढ़ाई करने बाहर चला गया पर अब मेरा मन नहीं लग रहा था क्योंकि मुझे अपनी और अपनी बहन की सील जो तोड़नी थी!



और अपनी बहन की सील जो तोड़नी थी!
अब मैं घर जाने की जल्दी में लग गया और 15 दिन बाद फिर से घर चला गया, मीतू के लिए यह सरप्राइज था, वो मुझे देखते ही खुश हो गुई, फिर उस दिन तो हमें कुछ भी करने को समय नहीं मिला, पर अगले दिन जब भी समय मिलता मैं किस और बूब्स दबा देता था.
फिर मम्मी शाम 3 बजे दूसरे घर गयी जहाँ हम हमारी गाय रखते हैं, वहाँ से मम्मी पूरा काम करके ही आती हैं तो हमारे पास डेढ़ दो घंटे का समय था.
मम्मी जाते ही मैंने मीतू को बाहों में उठाकर उसी बेड पे लिटा दिया जहां पहले लिटाया था और हम शुरू हो गए, इस बार मैंने देर न करते हुए अपनी बहन को नंगी कर दिया और उस की चूत के दर्शन किये, उस की चुत पे छोटे छोटे गोरे बाल थे, ऐसा लग रहा था कि कभी किसी ने इसको छुआ भी न हो, बिल्कुल सील बंद.
और उसको नंगी करते ही मैं तो गंगा में डुबकी मारने कूद गया और उस के बूब्स को इस बार जोर जोर से दबा रहा था, हम दोनों होंठ एक हो चुके थे, मैंने अपना एक हाथ धीरे से उस की चुत तक ले गया और उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लग गया और फिर थोड़ा सा थूक लगा कर मैंने एक उंगली अंदर डाल दी.
जब मुझे उस की चुत गीली महसूस हुई तो मैंने उसे चाटना शुरू किया और जोर जोर से अपनी जीभ से उसे चोदने लगा, वो जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी और बोल रही थी- भाई आराम से!

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07 Sep, 04:47


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सगी बहन की चुदाई की आसानी से








#bhai_behan प्रिय दोस्तो, मैं प्रदीप यादव (बदला हुआ नाम) पर यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है, हो सकता है कि मैं एक अच्छा लेखक नहीं हूँ पर मैं अपनी सच्ची कहानी सभी को बताना चाहूंगा कि अपनी ही बहन को कैसे पटाते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है अगर दोनों की रजामन्दी है तो! बहन के साथ सेक्स करने में बहुत फायदे होते हैं.
1) जब लंड खड़ा हो या चूत में खुजली हो, तभी शांत करवा सकते हो.
2) पूरे दिन रात आपको किस मिलती रहेगी.
3) बिल्कुल सेफ सेक्स रहेगा, पकड़े जाने का कोई डर नहीं!
4) सबसे बड़ा फायदा आपको अकेले मुठ या उंगली नहीं करनी पड़ेगी, हर रात सुहागरात होगी!
अब मैं देर न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ, यह बात 2015 की हैं, मैं उस समय 20 साल का था और ग्रेजुएशन के दूसरे ईयर में था. मैं ज्यादा हॉट तो नहीं था परंतु अगर कोई लड़की मिल जाये तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मेरी बहन मीतू (बदला हुआ नाम) जो उस समय 18 वर्ष की थी और 12वीं कक्षा में पढ़ती थी, कच्ची कली, छोटे छोटे बूब्ज़, रंग गोरा, उसकी हाईट कोई 5 फीट 5 इंच की होगी, मैं घर कभी कभी जाता था क्योंकि मैं बाहर शहर में पढ़ता हूँ, घर में मम्मी और बहन रहती हैं और पापा बाहर जॉब करते हैं.
20 साल की उम्र में लड़कों को चूत चाहिये होती है, अगर कहीं भी ना मिले तो वो खुद के घर में देखते हैं!
मैं भी अपनी छोटी और जवान बहन को देखता था, वो इतनी भी छोटी नहीं थी कि कुछ समझे ना, जब मैं उसको मजाक मजाक में छूता था तो वो बहुत स्माइल देती था पर हम उस समय ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं!
तब तक मैंने अपनी बहन के साथ ऐसा कुछ करने का कभी सोचा भी नहीं था पर जब से मैं भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगा था, मेरे मन में भी कुछ कुछ होने लगा था और फिर मुझे लगने लगा कि अगर मीतू को पटा लूँ तो जिंदगी के मजे कई गुना हो जाएंगे!
अब मैं अपनी पढ़ाई से ज्यादा मीतू को पटाने के बारे में सोचने लगा, गूगल, यू ट्यूब हर जगह देखा कि बहन की कामुकता को कैसे जागृत किया जाए. बहुत दिनों के बाद समझ आया कि जब तक हिम्मत नहीं करूँगा तब तक तो हाथ से ही काम चलाना होगा.
अब एक महीने बाद रक्षाबंधन थी और मुझे घर जाना था. मैं समझ गया कि इस बार उसे क्या गिफ्ट देना हैं, उसी दिन से मैंने अपना काम शुरू किया और फोन पे ही कुछ अलग तरह की बातें शुरू की, जैसे तुमने अभी क्या पहना है, नहाने के बाद क्या पहनोगी, नहाने में इतना समय क्यों लगाया, आज साबुन लगाया था या नहीं!
ऎसी बातें से क्या होता है कि आपका मनोबल भी बढ़ता है और लड़की की वासना भी बढ़ने लगती है!
अब मैं रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही घर चला गया था, मेरा प्लान तैयार था. पहुँचते ही मैंने अपना प्लान शुरू किया और मम्मी से मुलाकात की. फिर जब मम्मी दूसरे कमरे में गयी तो बहन को गले मिला, मैं कभी गले नहीं मिलता था पर उस दिन मिला और अपनी बाहों में उठा लिया. उस समय मेरा लंड उसकी चुत के पास था पर वो कुछ समझ नहीं पायी, उसे लगा कि ये भाई का प्यार है!
अब रात को मम्मी रसोई में खाना बना रही थी और मैं और मीतू एक दूसरे कमरे में बातें कर रहे थे. अचानक



अब रात को मम्मी रसोई में खाना बना रही थी और मैं और मीतू एक दूसरे कमरे में बातें कर रहे थे. अचानक लाइट चली गयी और अंधेरा हो गया. मैं अपने मोबाइल को ढूंढने के बहाने से उसके बिस्तर पे ढूंढने लगा, फिर मैंने जान बूझ कर उस की जांघ पे हाथ रख दिया, वो डर गई और वहां से चली गयी.
फिर कुछ देर बाद मैं उसके बेड पर बैठ कर उस के साथ टीवी देखने लगा और उस की जांघ पे फिर से हाथ रख दिया. वो शर्मा गयी पर कुछ बोल नहीं पायी.
इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गयी, ऐसा मैंने फिर से एक दो बार और किया, पर इस बार वो वहाँ से भी चली गयी और अपने कमरे में जा कर पढ़ने लग गयी.
हमने खाना खाया और मैं मम्मी के साथ टीवी देखने लगे गया!
फिर मीतू ने कमरे से पुकारा- भाई मैथ्स पढ़ा दो.
मैं समझ गया कि मीतू के मन में भी कुछ तो है, मैंने 10 मिनट में पढ़ा दिया, फिर हम बातें करने लग गए, उस समय मम्मी दूसरे रूम में टीवी देख रही थी तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी.
उसके पास बैठते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. बात करते करते मीतू मेरी जांघ पे हाथ रखते हुए बोली- भाई पैर ऊपर कर लो!
इतना सुनते ही मेरा हाथ उस की जांघ पे चला गया और सहलाने लगा, उसे भी ऐसा करवाने में मजा आ रहा रहा था, परन्तु अचानक वो खड़ी हो गयी और पंखे की स्पीड बढ़ा कर मेरे पास में ही खड़ी हो गयी.
मैं भी उसके पीछे खड़ा हो गया, अब मेरा लंड उसकी गांड पे था और मैंने बड़ी हिम्मत करके उसके गर्दन पे एक किs किया पर वो कुछ ना बोली तो मैं भी शुरू हो गया.

Deshi Kahaniya

01 Sep, 12:42


फिर उसने नीचे सरक कर मेरा लंड चाट कर साफ किया और बाथरूम में चली गई.
उधर उसने अपनी चूत में से मेरा पानी निकाल कर चूत को धोया.
कुछ पल बाद मैं बाथरूम में जाकर उसके साथ नहाया और नहाते हुए ही एक और बार उसकी चुदाई की.
मैंने उससे पूछा- रोशनी कैसा लगा मेरा रिटर्न गिफ्ट!
वह बोली- बहुत लंबा!
यह कह कर वह हंस दी.
कुछ देर बाद वह अपने कपड़े पहन कर चली गई.
दोस्तो, यह थी मेरी पहली बार की हॉट स्कूल गर्ल सेक्स कहानी. आपको अच्छी लगी हो तो प्लीज बताएं.

Deshi Kahaniya

01 Sep, 12:42


मैंने कहा- हां, मैं तुझसे कहना तो चाहता था, पर …
वह बोली- पर क्या … मेरे फ़ट्टू सनम!
मैंने कहा- मैं फ़ट्टू नहीं हूँ … बस तेरा लिहाज कर रहा था.
वह हंसी और बोली- और उसी लिहाज में अपना हिला लेता था … है ना!
मैंने कहा- तू भी तो कुछ करती होगी अकेले में?
वह मेरे लौड़े को मसलती हुई बोली- हां जान, तुमको बहुत मिस करती थी.
मैंने कहा- जरा बताना तो कि कितना मिस करती थी?
उसने मेरा लंड पकड़ा और मुझे मेरे लंड के सहारे से खींचती हुई बेडरूम में ले गई.
साथ ही वह बोली- चल आज बताती हूँ कि क्या मिस करती थी मैं!
उधर उसने मुझे बेड पर धक्का दे दिया.
मैं बेड पर पीठ के बल लेट गया था.
वह मेरे सामने अपनी कमर पर हाथ रख कर किसी फिल्मी डाकू की तरह खड़ी थी.
उसी अंदाज में वह बोली- बोल बच्चे … तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए?
मैंने कहा- सरदार, इतने बड़े लौड़े वाले को बच्चा कहना आपकी बड़ी भूल होगी.
उसने मेरे लंड की तरफ देखा और हंसने लगी. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा छत को निहार रहा था.
तभी उसने अपना लहंगे के ऊपर पहनी हुई चोली को उतारा तो मैंने देखा अकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
तभी वह नीचे झुकी और मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी.
मुझे ऐसा लगा मानो जन्नत प्राप्त हो गई हो.
उसके गर्म गीले थूक से मेरा लंड सना हुआ था और वह मेरा इतना लंबा लंड अपने मुँह में लिए जा रही थी.
मैं उठा और उसे जमीन पर घुटने के बल बैठा दिया.
वह समझ गई और मुँह खोल कर मेरे लौड़े को आमन्त्रित करने लगी.
मैं भी उसके खुले मुँह में लंड ज़ोर शोर से देने लगा.
उसे भी मज़ा आ रहा था.
ऐसे कुछ मिनट तक उसने मुझे ब्लो जॉब दिया.
मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया.
उसने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींचा.
अब मेरा सीना उसके मम्मों से रगड़ खा रहा था.
वाह क्या रसीले दूध थे उसके!
मैं उसके दूध पर मुँह लगा कर एक दूध को चूसने लगा.
तभी उसने मेरे कान में कहा- मैं सिर्फ़ तुमसे चुदना चाहती हूँ. क्योंकि मैंने तुम्हारा लंड कई बार खड़ा होते हुए देखा है. मैं जान गई थी कि तुम्हारे पास एक बड़ा हथियार है.
उसके मुँह से ये सुन कर मैं और जोश में आ गया.
मैंने उसका लहंगा उतार दिया.
उसने नीचे चड्डी भी नहीं पहनी थी.
मैंने उसे चित लिटाया और उसकी गुलाबी बुर को चाटने लगा.
वह मस्त होने लगी और मेरे बालों में हाथ फेर कर अपनी चूत को मेरी जीभ से रगड़वाती रही.
कुछ ही मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी तो वह आह आह करती हुई झड़ गई.
मैंने उसका सारा पानी चाट लिया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट कर दिया.
उसने कहा- प्लीज आराम से करना, मेरा पहली बार है … और वह भी इतने बड़े लंड से!
मैंने उससे उल्टा घुमाया और घुटने के बल डॉगी स्टाइल में सैट कर दिया.
वह भी समझ गई कि उसकी चूत की ओपनिंग पीछे से होनी है.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया.
निशाना एकदम सही बैठा था और चूत में चिकनाई भी भरपूर थी.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह चिल्ला उठी और तड़फ कर कहने लगी- आह मर गई … निकालो इसे.
पर अब मैं रुकने वाला नहीं था.
मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से बंद किया और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से पानी निकलने लगा.
मैंने कहा- थोड़ी देर सहन कर लो … फिर खूब मज़ा आएगा.
मैं भी अब धीरे धीरे झटके देने लगा जिससे कुछ ही देर में उसका दर्द मज़े में बदलने लगा.
अब वह भी गांड हिला हिला कर मेरे लंड से चूत चुदवाने लगी.


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रोशनी की मादक आवाज निकलने लगी- आह आह और तेजी से चोदो … आह मेरी चूत ऐसे ही लंड का इंतज़ार कर रही थी.
उसकी चुदासी आवाजें मुझे और जोश दे रही थीं और मैं धक्कों की रफ़्तार बढ़ाने लगा.
करीब 10 मिनट तक उसे एक ही पोजीशन में चोद कर मैंने उसकी चूत फाड़ दी.
अब मैं बेड पर लेट गया और वह मेरे ऊपर आ गई.
वह मेरे लंड को अपने चूत में सैट करके जैसे ही लौड़े पर बैठी, उसके मुँह से एक लंबी ‘आह …’ की आवाज आई.
उसकी आवाज बता रही थी मानो उसे जन्नत मिल गई हो.
मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा और उसे अपने लंड पर उछालने लगा.
वह भी मज़े लेती हुई मेरे लंड पर गांड उछाल रही थी और अपनी चूत चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने धक्कों की रफ़्तार और तेज कर दी.
रोशनी समझ गई थी कि शायद मैं झड़ने वाला हूँ.
मेरी सवालिया नजरों के जबाव में उसने भी कमर चलाते हुए कहा- अन्दर ही निकाल दो अपना माल!
मैंने ये सुन कर उसे और तेजी से चोदना शुरू कर दिया.
वह ‘आह आह और तेज चोदो मुझे …’ बोलने लगी.
आख़िर में मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और वह भी मेरे साथ उसी टाइम पर झड़ गई.
वह उसी पोजीशन में झुक गई और मुझे किस करके थैंक्यू बोला.

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01 Sep, 12:42


115






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दीवाली गिफ्ट में कुंवारी चूत को मोटा लंड #school_girl मैं यश राठी 19 साल का लड़का हूँ, 12वीं का छात्र हूँ.
यह मेरी पहली कहानी है. उम्मीद करता हूँ कि आप सबको हॉट स्कूल गर्ल सेक्स कहानी अच्छी लग़ेगी.
तो चलिए अब सब लोग अपने अपने कमरे का दरवाज़ा लगा लीजिए और लंड चूत का खेल शुरू करते हैं.
मेरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में एक लड़की रोशनी रहती थी.
उसकी उम्र मेरी ही जितनी थी, मतलब 19 साल.
हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे.
पर उससे मेरी कोई ख़ास दोस्ती नहीं थी.
उसके बावजूद भी ऐसा कोई दिन नहीं जाता था, जब मैं उसके बदन के बारे में सोच कर हिलाता और झड़ता ना होऊं.
उसका 34-28-36 का फिगर ही ऐसा था जो किसी के भी लंड को पैंट फाड़ने पर मजबूर कर दे.
इस उम्र में ऐसा बदन होना उसके लिए बहुत अच्छी बात थी और वह यह बात जानती थी कि कोई भी लड़का उसको मना नहीं कर सकता है.
क्योंकि वह है ही इतनी मस्त.
शायद वह भी इस बात को जानती थी इसलिए लड़कों को चिढ़ाने के लिए बिल्डिंग में छोटे छोटे टाइट कपड़े पहन कर घूमती थी. जिससे उसके निपल्स और गांड के गोले पूरे उभरे हुए दिखते थे.
जो लड़के उस समय लोवर में उसके सामने होते, उनका लंड सलामी देने लगता.
रोशनी को ऐसे लड़कों को छेड़ने में बहुत मज़ा आता था.
फिर वह दिन भी आया, जब मेरी किस्मत चमकी.
दीवाली की रात थी.
मैं नीचे दोस्तों के साथ घूम रहा था.
वहीं मुझे रोशनी दिखी.
उस दिन तो वह क्या माल लग रही थी … आह लंड ने अकड़ना शुरू कर दिया.
नीला लहंगा व चोली.
उस चोली में से उसका पूरा क्लीवेज दिख रहा था.
यह नजारा देखते ही मेरा लंड पजामे के अन्दर ही खड़ा हो गया.
शायद ये रोशनी ने देख लिया था क्योंकि वह एक मुस्कराहट फेंककर अन्दर चली गई थी.
मैं खड़े लौड़े को छुपाने के लिए जल्दी से घर आने लगा.
वह कॉरीडोर में खड़ी थी.
मैं उससे लौड़े को छुपाते हुए अपने फ्लैट के अन्दर गया.
उस वक्त मेरे पापा और मम्मी कहीं बाहर जा रहे थे.
पापा ने मुझे देखा तो वे बोले- हम दोनों को अपने कुछ रिश्तेदारों के यहां गिफ्ट देने जाना है. तुम घर को खुला छोड़ कर कहीं मत जाना. हम कल लौटेंगे. खाना बना कर रखा हुआ है. खा लेना.
यह कह कर वे दोनों चले गए.
मेरा लंड अभी भी बैठने को तैयार नहीं था.
मैं रोशनी को चोदने के सपने में इतना मगन था कि मैं गेट लगाना ही भूल गया.
अब मैं हॉल में अपने सारे कपड़े उतार कर सोफे पर ही लेट गया और अपने लंड को हिलाने लगा.
मैं रोशनी को अपने लंड पर उछालता हुआ सोच कर अपने लंड को तेजी से हिलाने लगा.
कुछ ही देर बाद मैं बस झड़ने ही वाला ही था कि मुझे एक आवाज सुनाई दी- अच्छा … तो जनाब ये करने ऊपर आए थे!
आवाज सुनकर मेरी जैसे ही आंख खुली मैंने अपने सामने रोशनी को देखा.
लेकिन मैं झड़ने की कगार पर था तो मैं खुद को रोक ही नहीं पाया.
वह मेरे घर के अन्दर थी और मेरे करीब आकर खड़ी हो गई थी.
उसी वक्त मेरे लंड से एक पिचकारी निकली, जो सीधा उसके लहंगे पर जाकर लगी.
मैं हड़बड़ा कर उठा और अपने हाथ से उसके लहंगे पर लगी अपनी रबड़ी को हाथ से झाड़ने लगा था ताकि उसके लहंगे से लंड का पानी निकल जाए.
वह मस्ती से मुझे अपना लहंगा साफ करती हुई देखती रही.
जब मैं सही से होश में आया तो मैंने देखा कि रोशनी मुस्कुरा रही थी.



जब मैं सही से होश में आया तो मैंने देखा कि रोशनी मुस्कुरा रही थी.
मैंने उसे देखा तो मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या बोलूँ.
मैंने अपने लंड को पजामे के अन्दर करते हुए कहा- तुम यहां क्या कर रही हो?
उसने कहा- हाथ में दिख नहीं रहा है … तुम्हें गिफ्ट देने आई हूँ. पर तुम तो कुछ और चीज में ही बिज़ी हो.
तब मैंने रोशनी के हाथ में वह गिफ्ट देखा और मुझे लगने लगा कि अब ये किसी को भी मेरी हरकत के बारे में बता देगी.
मैंने उससे सॉरी बोला और कहा कि तुम प्लीज वॉशरूम में जाकर अपना लहंगा साफ कर सकती हो. प्लीज किसी को ये बात मत बताना.
उसने हंसते हुए गिफ्ट को टेबल पर रखा और गेट बंद कर दिया.
मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये हो क्या रहा है.
तभी वह मेरी तरफ आगे बढ़ी और उसने मेरे करीब आकर मुझे किस कर दिया.
ये मेरी पहली किस थी, वह भी मेरे होंठों पर उसने किस किया था.
मैंने खुद को एकदम ढीला छोड़ दिया तो वह मुझको स्मूच किए जा रही थी.
उसके होंठ इतने सॉफ्ट थे कि क्या ही बताऊं.
तभी उसका एक हाथ मेरे लंड पर आ गया और किस करते करते ही वह मेरे लंड को सहलाने लगी.
इससे मेरा लंड जल्द ही वापस से खड़ा होने लगा.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ बेबी … लंड ज्यादा पसंद आ गया क्या?
वह बोली- लंड का उभार तो बहुत दिन से पसंद था मगर तूने कभी कुछ कहा ही नहीं!

Deshi Kahaniya

20 Aug, 11:22


वे निढाल हो गईं और मैं पूरे जोर से उन्हें चोदने लगा.

पूरे रूम में पच पच की आवाज़ आ रही थी और आंटी सिसकारियां लेती हुई कांप रही थीं.
वे मेरा नाम ले रही थीं.

तभी उन्होंने मुझे अपनी ऊपर से हटाया और लंड के पास आकर चूसने लगीं.

फिर वे वापस लेट कर पैर ऊपर करके चोदने को कहने लगीं.
मैं फिर से चोदने लगा.

मेरा एक हाथ आंटी की जांघों पर था और एक हाथ से उनके बूब्स दबाकर चूस रहा था, साथ ही अपनी क़मर हिलाकर आंटी को चोद रहा था.
मैंने स्पीड बढ़ा दी और आंटी की चूत में ही झड़ गया.

फिर लंड निकाल कर आंटी के मुँह के पास ले गया.
आंटी लंड को चूसने लगीं, उन्होंने लंड चाट कर साफ कर दिया.

वे मुझे भी चूत चाटने को बोलीं.
मैं चूत के पास गया और चाटने लगा.
आंटी की चूत से पानी बह रहा था; चादर पर भी स्पर्म गिरा था.

मैंने चूत चाट कर साफ की और हम दोनों किस करने लगे.

आंटी- मजा आया?
मैं- बहुत मजा आया.

आंटी- चलो बाथरूम में चलो. हम दोनों नहाते हैं.

मैंने टॉवल लपेट ली और अब मैं आंटी के साथ बाथरूम में आ गया और नंगा हो गया.

हमने नहाना शुरू किया.
आंटी ने मेरे शरीर पर साबुन लगाया और मैंने उनके.

हम दोनों नहाने में मस्ती कर रहे थे.

उन्होंने मेरे लंड पर साबुन लगाया और मैंने उनकी चूत पर. फिर एक दूसरे से चिपक कर नहाने लगे.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने आंटी की चूत में पेल डाला.

साबुन लगा होने के कारण लंड पूरा अन्दर बाहर सटासट आ जा रहा था.

तभी आंटी मूतने लगीं.
मैं उन्हें चोदे जा रहा था.

आंटी- आहा आहा … बस करो अब आहा!
मैं- आंटी एक बार बस और!

मैं जोर जोर से चोदने लगा.

मुझे आंटी ने नीचे बैठाया और लंड को चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगीं.
उनकी पीठ मेरी तरफ थी.

आंटी एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थीं और एक हाथ से मेरी जांघों को पकड़ कर झूला झूल रही थीं.

मैंने उनकी बड़ी गांड़ को फैलाया, तो उनकी गोरी गांड का काला छेद दिखने लगा.
वो बहुत टाइट था.
मेरे हाथ में साबुन लगा था, तो मैंने एक उंगली गांड में डाल दी.

आंटी- आहा क्या कर रहा है. गांड में मत डाल!
मैं- आंटी बहुत मजा आया है, एक बार गांड भी मारने दो ना!

आंटी- गांड में बहुत दर्द होता है, मगर मैं तेरे लिए हर दर्द सह लूंगी. पर अभी नहीं. तेरा पहली बार है. गांड में डालेगा तो तेरे लंड में जलन होगी, क्योंकि मेरी गांड टाइट है. अभी कुछ दिन चूत को ही चोद.

तभी मैं झड़ गया और आंटी मेरे ऊपर से उठ गईं.
फिर 69 में होकर हम दोनों ने चूत और लंड को चूसकर साफ किया.

मैं तभी आंटी के मुँह में मूतने लगा.
आंटी ने मजे से मुँह खोला और मूत पीने लगीं.

उन्होंने लंड को पकड़ कर अपने चेहरे को भी गीला किया और मूत से नहाने लगीं.

फिर हम दोनों ने पानी से नहाया और मैं कपड़े पहन कर नीचे आ गया.

तब 3:30 बजे थे.
मैं बहुत खुश था.
फाइनल मुझे चूत चोदने मिल गई थी.

उस दिन के बाद जब भी मेरा मन करता, मैं आंटी को चोद लेता.

आंटी ने मुझसे गांड भी मरवाई थी.
पर आंटी भी बहुत चालू चीज थीं; ये मुझे उस रात को पता चला था.

हुआ यूं कि एक दिन अंकल की नाइट शिफ्ट थी तो मैं खुश था.
मैंने सोचा था कि मम्मी पापा के सोने के बाद मैं ऊपर जाकर आंटी को चोदूंगा.

रात के एक बजे तक मैं जागा रहा, फिर मुझे लगा अब मम्मी पापा सो रहे होंगे तो मैं उनके कमरे में बिना देखे ऊपर चला गया.

मैं आंटी को आवाज देने वाला था कि अन्दर से मुझे पच पच की आवाज़ आई.

मैंने खिड़की की दरार से अन्दर देखा, तो पापा और आंटी पूरे नंगे थे.
आंटी डॉगी स्टाइल में पापा से चुद रही थीं.

मेरे पापा आंटी को गाली दे देकर चोद रहे थे- साली रंडी … तेरी चूत की आग मैं बुझाऊंगा. तेरा पति गांडू है, जो तेरी प्यास नहीं बुझा पाता. उसकी भी गांड मारूंगा.
पापा गांड पर थप्पड़ मार मार कर चोद रहे थे.

वे बाद में आंटी के मुँह में झड गए.

मैं नीचे आकर सोने लगा.
पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.

फिर पापा के नीचे आने की आवाज आई तो मैं थोड़ी देर बाद ऊपर गया.
आंटी सो रही थीं.

मैंने एक आवाज दी तो वो देखने लगीं.

आंटी- तू इतनी रात को कैसे आया?
मैं- मेरी नींद खुली थी और चोदने को मन किया, तो आ गया.

आंटी- अभी नहीं, अभी मेरा मन नहीं है.
मैं- प्लीज आंटी बस एक शॉट मारूंगा.
आंटी मान गईं.

मैं अन्दर गया, आंटी नाईटी उठा कर लेट गईं.
तो मैं बोल- आंटी ऐसे नहीं, डॉगी स्टाइल में लूँगा.

आंटी डॉगी स्टाइल में हो गईं.
उन्होंने चड्डी नहीं पहनी थी और चूत के ऊपर पापा का पानी लगा था.

मैं- आंटी, आपकी चूत पर तो स्पर्म लगा है. आपने चुदाई की क्या?
आंटी- वो तेरी अंकल ड्यूटी जाते समय चोद कर गए थे.

मैंने लंड डाला और चोदने लगा.

मैं आंटी की गांड पर थप्पड़ मार कर चोद रहा था.
जैसी पापा ने गालियां दी थीं, मैंने वो ही रिपीट कर दीं.

आंटी- अच्छा तुझे पता चल गया कि मैं तेरे पापा से चुदवाती हूँ.
मैं- हां अभी कुछ देर पहले ही देखा था. कब से चुदवा रही हो?
आंटी- आज दूसरी बार था.

Deshi Kahaniya

20 Aug, 11:22


आंटी ने देख लिया था.
मैं चुपचाप चाय पीने लगा.

आंटी- क्या हुआ, इतने शांत क्यों बैठे हो?
मैं- कुछ नहीं आंटी.

आंटी- अच्छा एक बात बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं!
मैंने शर्माते हुए कहा- नहीं नहीं आंटी … ऐसा कुछ नहीं है.

आंटी- तो मतलब तुमने अभी तक कुछ नहीं किया?
मैं- क्या मतलब आंटी?

आंटी- कुछ नहीं … वो हमारे बिहार में तुम्हारी उम्र के लड़कों के तो बच्चे तक पैदा हो जाते हैं.

मैं शर्मा कर इधर उधर देख रहा था.

तभी आंटी ने मेरी जांघ पर हाथ रखा और बोलीं- उस दिन तुमने हमारे बाथरूम में क्या देखा?
मैं अब थोड़ा डर गया- कुछ भी तो नहीं, कौन सी बात कर रही हैं आप?


आंटी मेरी जांघ को हाथ से दबाकर बोलीं- अच्छा तुम्हें कुछ याद नहीं … बड़े भोले बनते हो!

इतना बोलते ही आंटी ने मेरे लंड को पकड़ा और बोलीं- ये क्यों खड़ा है?
मैं इधर उधर देखने लगा. मुझे बहुत शर्म आ रही थी.

तभी आंटी ने अपनी हाथों से मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और मेरे होंठों के पास आकर किस करने लगीं.

आंटी मेरे होंठों को चूसने लगीं.
और मैं सिर्फ़ आंख बन्द करके चुंबन का अहसास कर रहा था.

आंटी- तुम भी करो ना … जैसे मैं कर रही हूँ.
अब मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा.
हम दोनों कुछ मिनट तक किस करने में लगे रहे.

तभी आंटी मेरे गले को चूमने लगीं और एक हाथ से मेरी पैंट का बटन खोलने लगीं.

उन्होंने पैंट को नीचे कर दिया.
फिर वे मेरी टी-शर्ट निकालने लगीं.
अब मैं ऊपर से नंगा था और मेरी पैंट घुटनों तक नीचे थी.

मेरा लंड चड्डी में टेंट बना रहा था.
आंटी मेरी छाती को चूमने लगीं और अपने होंठों से मेरे निप्पल को चूसने लगीं.

फिर नीचे बैठ कर मेरी चड्डी नीचे कर दी.
अब मेरा लंड आजाद हो गया था.

मेरा लम्बा काला लंड देख कर आंटी ने झट से उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.

आंटी- आह क्या मस्त लंड है रे तेरा. इतना बड़ा तो तेरे अंकल का भी नहीं.
उन्होंने लंड पर थूका और उसे फिर से मुँह में लिया.

आज पहली बार मेरा लंड कोई चूस रहा था.
मैं अपनी आंख बन्द करके मजे ले रहा था. मुझे ऐसे लग रहा था, जैसे मैं स्वर्ग में हूँ.

तभी आंटी ने मेरे हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिए और मैं दबाने लगा.

मेरा पानी निकलने वाला था; मैंने सिसकारी लेना शुरू किया तो आंटी जोर जोर से सर हिलाकर लंड चूसने लगी थीं.

चप चप की आवाज़ आ रही थी.

तभी मैंने उनके मुँह में अपना पानी छोड़ दिया और वो पीने लगीं.
आंटी ने लंड को चाट कर साफ कर दिया.
मेरा लंड अब थोडा ढीला पड़ गया था.

तभी आंटी मेरा हाथ पकड़ कर बेड की और ले गईं और अपनी नाईटी ऊपर करके लेट गईं, उन्होंने अपने पैर फैला दिए- मैं जैसा बोलूँ, वैसा करना. मेरी चूत को ऊपर से चाटो.

मैं झुक कर चाटने लगा.
मुझे अजीब लग रहा था, पर मेरा पहली बार था तो मैं चाटने लगा.

आंटी- आहा उह आह … चाट चूत में थूक और चाट.
मैं वैसा ही करने लगा.

आंटी- ऊह आहा पीयूष आहा पीयूष चाट … चूत को फैलाकर अन्दर उंगली डाल और चाट!

मैं चूत में उंगली करके चाटने लगा.
फिर मैंने उनकी चूत को फैलाया और जीभ अन्दर डालकर चाटने लगा.
उनकी बड़ी सी चूत का छेद खुल गया था.

तभी उन्होंने तकिए के पास का बैंगन उठाया और मेरे हाथ में देकर कहा- ये डाल अन्दर … और चाटना चालू कर … आह उह!

मैं वैसा ही करने लगा.
उनकी चूत में बैंगन डाल कर जोर जोर से चूत चोदने लगा.

कुछ देर बाद आंटी बोलीं- जल्दी से तू मेरे मुँह की तरफ अपने पैर कर!
मैंने उनकी तरफ पैर करके 69 की पोजीशन बना ली.

आंटी ने मेरा लंड मुँह में भर लिया, वे लंड चूसने लगीं.
थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड टाइट हो गया.

आंटी- आह आह पीयूष … अब डाल दे लंड अन्दर … रहा नहीं जाता.

मैं उठा और अपनी पैंट और चड्डी पूरी निकाली और उनकी चूत के पास लंड लेकर आ गया.

आंटी ने मेरा लंड छेद पर रखा और कमर को पकड़ कर कहा- अन्दर डाल दो … और चोदो मेरी चुत!

मैंने लंड को उनकी चूत में डाला और चोदने लगा.
आंटी- आहा पीयूष आह धीरे आह.

आंटी ने मुझे अपने ऊपर को खींच लिया और मुँह पकड़ कर होंठों पर किस करने लगीं.
मैं जोर जोर से चोदने लगा. आंटी की नाईटी दिक्कत कर रही थी तो मैंने उसे ऊपर उठाया और सर की तरफ से निकालने लगा.
उन्होंने निकल जाने दी.

मैं आंटी के ऊपर चढ़ा था और आंटी ने मेरी पीठ को पकड़ कर जकड़ रखा था.
आंटी के मोटे और गोरे बदन पर मैं पतला सा लड़का कबड्डी खेल रहा था.

मैं अब धीरे धीरे धक्के दे रहा था और आंटी के बड़े बूब्स दबा रहा था.
हम दोनों पसीने से भीग गए थे.

आंटी- आहा उह आह चोद आहा थोड़ा
जोर से पेल … उई आह.
मैं जोर जोर से चुदाई करने लगा.
तभी आंटी की बॉडी में जैसे करंट सा दौड़ने लगा.

वो ‘आह आह पीयूष आह …’ की सिसकारियां लेती हुई कांपने लगी थीं.

मुझे उन्होंने अपनी ताकतवर टांगों में एकदम से भींच लिया था और तभी आंटी की चूत से उनका गाढ़ा पानी निकलने लगा.
मुझे अपने लौड़े पर आग सी लगती महसूस हुई.

Deshi Kahaniya

20 Aug, 11:22


#new_Story_number_102



बिहारी आंटी की चूत गांड में मेरा लंड



दोस्तो, मेरा नाम पीयूष है. मैं नागपुर में रहता हूँ.
मेरी उम्र 21 साल है. मैं दिखने में एवरेज लड़का हूँ. रंग सांवला है और शरीर से दुबला पतला हूँ.

मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी तो मैं पॉर्न देख कर लंड हिलाता था. मुझे हस्तमैथुन की आदत पड़ गई थी. मैं एक हफ्ते में 3-4 बार लंड हिलाता था.

मेरे घर में मैं और मेरी मम्मी पापा रहते हैं.
पापा एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं और मम्मी स्कूल टीचर हैं.

हमारे घर के दूसरी मंजिल को हमने रेंट पर दिया है. वहां एक बिहारी अंकल संजय कुमार और आंटी सरिता रहती हैं.
अंकल भी कंपनी में जॉब करते हैं और आंटी हाउस वाइफ हैं.

यह Xxx बिहारी आंटी सेक्स कहानी इन्ही आंटी की है.

आंटी की उम्र 48 की है, पर वे दिखने में 40 साल की लगती हैं.
उनके बड़ी बड़ी गांड … बड़े बड़े बूब्स ऐसे, जैसे फुटबॉल छाती पर रखकर घूमती हों.

वे उम्र के हिसाब से कुछ अधिक मोटी हो गई हैं … लेकिन दिखने में मस्त हैं.

करीब एक साल पहले वो अंकल हमारे घर रहने आये थे.
पहले कभी मैंने आंटी को गलत नजर से नहीं देखा था.
वे हमारे घर में आती थीं … मम्मी से बातें करतीं … मुझसे भी बातें करतीं.

एक दिन दोपहर क़रीब एक बजे मैं कॉलेज से घर आया और खाना खाकर पढ़ाई करने लगा.

कुछ देर बाद याद आया कि ऊपर कपड़े सुखाने डाले हैं, सूख गए होंगे तो मैं कपड़े उठाने ऊपर आ गया.

मैं जैसे ही कपड़े उतारने लगा, मुझे आंटी के बाथरूम से सिसकारी की आवाज आई.

मैं धीरे से बाथरूम के पास गया और दरवाजे पर बने एक छेद मैं अन्दर देखने लगा.
अन्दर का नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

अन्दर आंटी पूरी नंगी बैठी थीं.
वे एक बैंगन को अपनी चूत में डालकर अन्दर बाहर कर रही थीं और आंखें बंद करके धीमी आवाज में सिसकरियां ले रही थीं.

फिर अपनी चूत से बैंगन बाहर निकाल कर आंटी उसको मुँह से चाटतीं और वापस चूत में डाल लेतीं.
मैं उनको देख कर अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा.

आंटी का बदन पानी से गीला था, बिखरे बाल और उनको पसीना भी आ रहा था.
तो बड़ा ही कामुक दृश्य था.

आंटी का गोरा और मोटा पेट नीचे झूल रहा था इसलिए मुझे सिर्फ़ आंटी की झांट के बाल दिख रहे थे.
उनकी बगलों पर भी बाल थे.

कुछ देर बाद आंटी दीवार से लग कर लेट गईं और जोर जोर से बैंगन अन्दर बाहर करने लगीं.
अब उनकी काली चूत भी मुझे दिखने लगी थी.

कुछ देर बाद ही आंटी का पानी निकलने लगा और एक हाथ से वो अपने रस को निकाल कर दूसरे हाथ पर लेने लगीं.
फिर वे उस पानी को मुँह में डालकर पीने लगीं.
बाद में उन्होंने हथेली से पूरे चेहरे पर चूत का पानी लगा लिया.

फिर उन्होंने अपनी चूत को धोकर साफ किया और नहाने लगीं.

इतने में मेरा पानी निकलने लगा.
जैसे ही मेरे वीर्य की एक बड़ी बूंद जमीन पर गिरी तो मेरे कदमों की हल्की सी आवाज आई.
आंटी की नज़र दरवाजे की तरफ गई. मुझे लगा कि उन्होंने छेद पर मुझे देख लिया है.
मैं तुरंत डर कर नीचे आ गया.

मैं थोड़ा डरा हुआ था.
कहीं आंटी ने मुझे देख तो नहीं लिया?
दिन भर मैं वही सोचता रहा.

शाम को आंटी हमारे घर आईं और मम्मी से बातें करने लगीं.
मैं उन्हें बीच बीच में देख रहा था तो आंटी भी मेरी तरफ देख लेती थीं.

मैंने महसूस किया कि आज आंटी मुझे अलग ही नजरों से देखने लगी थीं.
उस दिन से कुछ ऐसा हुआ कि आंटी बातों ही बातों में मुझे टच कर लेती थीं.

ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए.
हमारे बीच सब अच्छा चल रहा था.

अब मेरे मन में आंटी के लिए चुदाई की भावना उत्पन्न हुई और मैं आंटी को अपनी कल्पनाओं में याद करके अपना लंड हिलाने लगा था.

एक दिन मैं कॉलेज से आया और खाना खाकर टीवी देखने लगा.
उसी समय आंटी नीचे आईं और मुझसे बोली- बेटा पीयूष, जरा ऊपर आना. एक काम है तुमसे.
मैं- जी ठीक है आंटी, चलिए.

हम दोनों ऊपर गए.


उनको बेड के अन्दर से कुछ सामान निकलवाना था तो मैंने बेड को ऊपर करके पकड़े रखा और आंटी ने अन्दर से एक बोरी निकाली.

मैं जाने वाला था तभी उन्होंने कहा- थोड़ा रुक जाओ, मैं चाय बना रही हूँ … पीकर जाना.
तो मैं रुक गया.

मैं सोफे पर बैठा था और आंटी किचन में गई थीं.

तभी मेरी नज़र बेड पर तकिए पर गई.
वहां साइड में एक लंबा बैंगन रखा था.

मैंने पास जाकर देखा तो बैंगन पर वैसलीन सी लगी हुई थी.
तकिए की एक साइड में आंटी की चड्डी रखी दिखी.

मैं समझ गया कि आंटी ने अभी चूत को शांत किया है और चड्डी भी नहीं पहनी है.

ये सब देख कर मेरा लंड टाइट हो गया.
मैंने सोचा कि आंटी की चुदाई करने का यही अच्छा मौका है.

मैं सोचने तो लगा था, पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.

तभी आंटी चाय लेकर आईं और हम दोनों चाय पीने लगे.
मेरे दिमाग में तो चुदाई का ख्याल चल रहा था. मेरा लंड टाइट हो गया. मेरी पैंट में टेंट बन गया था और मैं सोफे पर रखा कुशन को अपनी गोद में रख कर लौड़े को छुपाने लगा.

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