प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

@vaidic_gyan


सादर नमस्ते जी🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩
यहां पर आपको प्राचीन वैदिक ज्ञान से संबंधित प्रश्न और उसका उत्तर दिया जाएगा।
चैनल से जुड़ कर अपना ज्ञानवर्धन करें👍🏻🚩🚩
धन्यवाद् 🙏🏻

https://t.me/vaidic_gyan/5
https://t.me/vaidic_gyan/2206

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

22 Oct, 02:57


प्र. १९१. क्या आयु जन्म से निश्चित है या घटायी-बढ़ायी जा सकती है ?

उत्तर : मनुष्य अपने कर्मों से, अपनी आयु को जो कि उसको पिछले जन्मों के कर्मों के फलस्वरूप मिलती है, घटा भी सकता है और बढ़ा भी सकता है। वेदानुकूल आचरण करेगा तो बढ़ जायेगी, विपरीत करेगा तो घट जायेगी ।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

16 Oct, 15:15


प्र. १९०. क्या भ्रान्ति, विवशता, मजबूरी या अल्पज्ञान से किये जाने वाले कर्मों का भी फल मिलता है ?

उत्तर : जी हाँ । भ्रान्ति, विवशता, मजबूरी या अल्पज्ञान से किये गये कर्मों का भी फल ईश्वर द्वारा मिलता है। चाहे वे अच्छे हों या बुरे । क्योंकि उन कर्मों से अन्यों को सुख-दुःख तो प्राप्त होता ही है।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

14 Oct, 15:56


प्र. १८९. क्या बिना ज्ञान के भी कर्म होते हैं ?

उत्तर : सामान्य सिद्धान्त तो यही है कि बिना ज्ञान के कर्म नहीं होते क्योंकि जो कुछ भी कर्म मनुष्य करता है वह इच्छापूर्वक करता है। और वह इच्छा सुख प्राप्त करने तथा दुःख से छूटने रूप होती है। इसलिए अधिकांश कर्म ज्ञान पूर्वक ही होते हैं ।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

13 Oct, 03:30


प्र. १८८. आजकल प्रतिदिन हजारों की संख्या में शिशुओं को उत्पन्न होने से पहले गर्भ में ही मार दिया जाता है । तो क्या यह गर्भ में आने वाले जीव के कर्मों का फल है या माता-पिता का ?

उत्तर : गर्भ का धारण माता-पिता की इच्छा से होता है और गर्भपात भी उन्हीं की स्वतन्त्र इच्छा से होता है अतः गर्भपात के कारण होने वाले भयंकर पाप के अपराधी गर्भपात कराने वाले, करने वाले तथा सहमति देने वाले सभी हैं। गर्भधारण करने वाले शिशु का इसमें कोई भी कर्मफल नहीं है। न ईश्वर की ओर से कोई प्रेरणा या विधान है कि गर्भपात कराया जाये। अपितु गर्भपात का निषेध है ।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

13 Oct, 03:27


इस व्हाट्सएप चैनल पर जुड़ जाएं , इसमें प्रतिदिन आध्यात्मिक उपदेश आएगा वेद के मंत्रों से , इससे आपका थोड़ा स्वाध्याय हो जायेगा और मन में सात्विकता आएगी 👇🏻

https://whatsapp.com/channel/0029Vai2I9l4inoxzf17142f/142

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

12 Oct, 02:31


दुनिया बनाने वाले महिमा

@vaidic_bhajan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

08 Oct, 12:39


प्र. १८७. किसी के अच्छे या बुरे कर्म का फल तत्काल प्राप्त होता न देखकर क्या यह विचारना उचित है कि उन कर्मों का फल आगे भी नहीं मिलेगा ?

उत्तर : ऐसा विचारना बिलकुल अनुचित है क्योंकि कर्म-फल से कोई भी बच नहीं सकता। कर्म फल देनेवाला ईश्वर सर्वव्यापक, सर्वज्ञ तथा न्यायकारी है। अतः योग्य समय आने पर कर्म-फल मिलता ही है।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

06 Oct, 12:25


प्र. १८६. पन्द्रह वर्ष की आयु पर्यन्त के सन्तान जो माता-पिता शिक्षक आदि बड़ों की उचित बात की अवज्ञा करे, उनके कथन के विरुद्ध आचरण करे, उसे दण्ड मिलना चाहिए या नहीं ?

उत्तर : दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। यह वैदिक व्यवस्था है कि सन्तान के सुधार के लिए बिना द्वेष के आवश्यकतानुसार वाणी से तथा सावधानी पूर्वक शारीरिक ताड़ना भी करनी चाहिए ।

@vaidic_gyan

प्राचीन वैदिक सैद्धांतिक ज्ञान 🚩

03 Oct, 12:45


प्र. १८५. जिस माता-पिता की एक ही सन्तान है आगे-पीछे कोई नहीं है और वह सन्तान वैराग्य के कारण गृहत्याग कर देती है तो क्या उसका अपराध माना जायेगा ?

उत्तर : नहीं । यदि वैराग्य के कारण उसने घर छोड़ा है और अपने जीवन को सच्चे ईश्वर की उपासना से महान, उन्नत, श्रेष्ठ बना रहा है तथा समाज-राष्ट्र का कल्याण कर रहा है तो उसका अपराध नहीं है। अपितु वह ईश्वर आज्ञा का पालन कर रहा है।

@vaidic_gyan

1,891

subscribers

863

photos

184

videos