आजकल हर कोई टेस्ट सीरीज चलाए जा रहा है उसमें ऐसे प्रशन होंगे जो आपने कहीं पढ़ें नहीं होंगे या बहुत डिफिकल्ट प्रशन होंगे जिससे उसमें भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के नंबर तो उस हिसाब के ही आएंगे जिससे उनका मनोबल डाउन होगा..भ्रमित होंगे फिर उन संचालकों से बात करेंगे... फिर संचालक साहब अपना वाला मैटर बताएंगे फिर अभ्यर्थी बिचारा उन्हें लाएगा....ऐसे चलता है कोचिंग संस्थानों का बाजारीकरण बड़ा दुख होता है ग्रामीण पृष्ठभूमि के अभ्यर्थी जब फोन करके यह सब बताते हैं।।
हमारे इतने बच्चे नेट जेआरएफ कर गए हमारे इतने बच्चे यह कर गए (असल में वो कभी उनसे जुड़े ही नहीं)....अब बुलाते हैं सम्मान समारोह....आओ दो चार हजार किराया भाड़ा देकर हमारे संस्थान का प्रचार करते हैं 😅