मेला तो बड़ा था, पैसे ही नहीं थे
उन्हीं को मिलीं,दिलों की दुकानें
जिन्होंने ये खेल,खेले ही नहीं थे
हमे पता था ये, के सब हैं बेवफ़ा
यार हम तेरे साथ,ऐसे ही नहीं थे
जब ये खंजर,लेते थे तुम हाथ में
हम थे के ज़ख्म,गिनते ही नहीं थे
23 Jun, 09:49
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