इस पति-पत्नी की कुंडली का सरल विश्लेषण:
तलाक के कारण:
- रोज़ लड़ाई-झगड़े: यह जोड़ा अक्सर एक-दूसरे से मारपीट करता था। पति ने तलाक की बात उठाई, लेकिन पत्नी भी तलाक चाहती थी। पत्नी को घर और पैसे की चिंता थी। वह चाहती थी कि पति घर छोड़कर कहीं और चला जाए, पर खुद वहीं रहे।
- ज्योतिषीय कारण:
1. स्त्री की कुंडली (लग्न कुंडली):
- सप्तम भाव (जो शादी और पार्टनर का होता है) का स्वामी गुरु, पंचम भाव (प्यार और रोमांस का भाव) में बैठा है। इसका मतलब है कि शादी प्यार से हुई थी।
- लेकिन सप्तम भाव पर केतु, राहु और सूर्य की नज़र है। ये ग्रह शादी के सुख को बिगाड़ रहे हैं, जिससे प्यार की शादी में परेशानियाँ आईं।
- स्त्री की नवांश कुंडली में गुरु सही जगह पर है, पर मंगल के प्रभाव में होने से यह अशुभ योग बन गया। इस वजह से शादी में और दिक्कतें आईं।
2. पुरुष की कुंडली:
- पुरुष की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी बृहस्पति है, जो लग्न में बैठकर सप्तम भाव को देख रहा है। इसका मतलब है कि तलाक के बाद पुरुष को जल्दी दूसरी शादी का प्रस्ताव मिल सकता है।
- पुरुष की कुंडली में शुक्र पाप कर्तरी योग में है, जो पत्नी के साथ सुख बिगाड़ता है। इसके अलावा, शुक्र 12वें भाव में है, जो किसी और स्त्री के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है। इसी वजह से पुरुष ने अपनी पत्नी को तलाक देना चाहा।
- सप्तम भाव पर राहु की दृष्टि है, जो अनैतिक संबंधों को बढ़ावा देती है। यह इस पुरुष की शादी में बड़ी परेशानी का कारण बना।
- नवांश कुंडली में सप्तमेश राहु के साथ आकर पति-पत्नी के रिश्ते को और बिगाड़ देता है।
निष्कर्ष:
दोनों ही तलाक चाहते थे। पति के बाहर के संबंध और पत्नी की आर्थिक मांगें उनके बीच विवाद का बड़ा कारण बनीं। इसलिए यह शादी अंत में टूट गई।