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👉प्रेस नोट 👉ews कोटा के सम्वन्ध में हाईकोर्ट का अहम फैसला, अनारक्षित पदों में से 10% सीटें दी जाए ews को ! 👉प्रदेश की समस्त भर्तियों में अभी तक की गई बड़े पैमाने पर अनियमितता, कुल सीटों में से 10% ews को की जाती है आरक्षित ! 👉संविधान के अनुच्छेद 16(6) तथा 15(6) की गलत व्यख्या करके सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है रोस्टर! 👉ews कोटा में हजारों भर्तियां है अवैधानिक ! 👉हाईकोर्ट की डिवीजन बैच में ews आरक्षण के गलत प्रवर्तन किए जाने को लेकर है पांच याचिकाए ! 👉हाई कोर्ट की सिंगल बैच ने याचिका क्रमांक WP/9692/2021 तथा Wp /10154/2022 में दिनांक 30/4/2024 को पारित अहम फैसला ! 👉हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार को की गई भर्तियों में करना होगा सुधार ! 👉जबलपुर 06/5/2024:- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ews आरक्षण के लागू किए जाने के सम्वन्ध में संविधान के अनुच्छेद 15(6) तथा 16(6) की अहम् व्याख्या करके स्पष्ट कर दिया है की सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यबस्था की गई है! EWS आरक्षण के लाभ से ओबीसी /एस.सी. /एस. टी. वर्ग को निरूध रखा गया है फिर कुल विज्ञापित पदों में से 10% पद EWS के लिए आरक्षित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 16(6) के प्रावधान से असंगत है ! उक्त अनुच्छेद की मूल भावना के अनुसार कुल विज्ञापित पदों में ओबीसी /SC /ST को आरक्षित पदों को छोड़कर शेष अनारक्षित पदों में से EWS को 10% पद आरक्षित होना चाहिए ! उदाहरण: यदि किसी भी पद के रिक्त 100 पोस्ट को भरे जाने हेतु विज्ञापन जारी किया जाता है, जिसमे 16पद SC को, 20 पद ST को, तथा 27 पद ओबीसी वर्ग को शेष 37 पद अनारक्षित इस प्रकार कुल 100 पद हुए संविधित विभाग को 37 अनारक्षित पदों में से 10% अर्थात 4 पद EWS को आरक्षित होंगे 33+4=37 लेकिन मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 19/12/2019 को त्रुटिपूर्ण रोस्टर जारी करके EWS को 100% पदों के विरूध 10% पद आरक्षित कर दिए गए है तथा 2019 से लाखो पदों की भर्तियों में EWS हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई है ! आरक्षण मामालों मे मध्य प्रदेश सरकार के विशेष अधिवक्तास अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह का कहना है ews आरक्षण को लागू किए जाने में की जा रही व्यापक पैमाने पर अनियमितताओं के सम्वन्ध में हाईकोर्ट में अनेक याचिकाए दायर है तथा हाईकोर्ट ने समस्त भर्तियों को उक्त याचिकाओं के निर्णय के अधीन की गई है !