आज जो साथ है वो कल होंगे या नहीं पता नहीं..
आज जो खिलाफ है वो कल जीवित भी होंगे या नहीं , पता नहीं.....
आज जो पसंद है वो कल नापसंद हो सकता है, आज का सुकून कल का दर्द बन सकता है,जरूरतें बदलती है, लोग बदलते है, सपने बदलते है.......
और तुम कहते हो तुम्हें बदलना नहीं आता है, सुनो ये मूर्खता पूर्ण बाते छोड़ो और खुद को ढालना सीखो.....
परिस्थितियों के अनुकूल बनना सीखना पड़ेगा....
हा सीखना पड़ेगा,
वरना कब अस्तित्व खो दोगे इसकी भनक भी नहीं लगेगी,खुद को बदलना सीखो , ढालना सीखो,विचार करो हित में,
सफल तो होना ही है, आज नहीं तो कल....
लेकिन आज और अभी के हिसाब से खुद को नहीं बना पाओगे तो कल क्या खाक जीत पाओगे....