एकीकरण 7 चरणों में
● प्रथम चरण - (मत्स्य संघ)दिनांक 18-3-1948 - अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली व नीमराणा ठिकाना
● द्वितीय चरण - (पूर्व राजस्थान संघ)25.03.1948 - बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, टाँक व कुशलगढ़ ठिकाना
● तृतीय चरण - (संयुक्त राजस्थान संघ)18.04.1948 - राजस्थान संघ + उदयपुर
● चतुर्थ चरण - (वृहत् राजस्थान संघ)30.03.1949 - संयुक्त राजस्थान संघ बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर व लावा ठिकाना
● पंचम चरण - (संयुक्त वृहतर राजस्थान)15.05.1949 - वृहत् राजस्थान संघ + मत्स्य संघ
● षष्टम चरण - (राजस्थान संघ) 26.01.1950 - संयुक्त वृहत् राजस्थान सिरोही (आबू व दिलवाड़ा तहसील को छोड़कर)
● सप्तम चरण - राजस्थान (वर्तमान स्वरूप) 01.11.1956 - राजस्थान संघ अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-दिलवाड़ा तहसील, सुनेल टप्पा व सिरौंज
• राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में पूरा हुआ।
• यह प्रक्रिया 18 मार्च, 1948 ई. से प्रारंभ हुई, जो 1 नवंबर, 1956 ई. में पूरी हुई। उस समय राजस्थान में कुल 26 जिले थे।
• राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया 8 वर्ष 7 माह व 14 दिन में पूरी हुई।
@Saupara27
• राजस्थान में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय 19 रियासतें, 3 ठिकाने (नीमराणा, अलवर, कुशलगढ़, बाँसवाड़ा, लावा 'टोंक') व एक अंग्रेज़ शासित प्रदेश मेरवाड़ा (अजमेर), थे।
• बीकानेर नरेश सार्दूलसिंह सम्मिलन पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले पहले राजा थे। राजस्थान की सबसे पुरानी रियासतों में मेवाड़ व नवीन में झालावाड़ थी जिसका निर्माण अंग्रेज़ों द्वारा किया गया।
• क्षेत्रफल की दृष्टि से मारवाड़ व जनसंख्या की दृष्टि से जयपुर सबसे बड़ी रियासत थी जबकि शाहपुर क्षेत्रफल व जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से सबसे छोटी रियासत थी।
• धार्मिक आधारों पर टोंक एकमात्र मुस्लिम तथा धौलपुर व भरतपुर जाटों की रियासतें थीं। राजस्थान में अधिकतर रियासतें राजपूतों की ही थीं।
• राजस्थान के एकीकरण के दौरान 25 मार्च, 1948 को दूसरे चरण में पहली बार 'राजस्थान' शब्द जुड़ा।
• एकीकरण के दौरान 30 मार्च, 1949 को वृहत्त राजस्थान संघ में अधिकांशः रियासतों के विलय हो जाने के कारण 30 मार्च को ‘राजस्थान दिवस' के रूप में मनाते है।