Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

@alone_feeling_0123


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22 Oct, 17:30


सूर्य का प्रकाश धरती तक पहुंचने मे कितने मिनट लगते है?


1k+Folder Dm @DEADLY_SURYA

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22 Oct, 14:44


विश्व कैंसर दिवस कब मनाया जाता है

5k+folder add DM @ROYAL_JELLY0

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22 Oct, 13:35


3𝐊+ 𝐂hannel को 𝐀dd करवाने के लिए अभी 𝐌assages करे -----


[[ @UNIQUE_XD_GIRL ]]


Q. रविन्द्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार कब नवाजा गया है...?

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21 Oct, 17:52


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21 Oct, 17:49


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19 Oct, 13:25


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18 Oct, 11:55


𝐏𝐄𝐎𝐏𝐋𝐄 𝐒𝐀𝐘...
तू भी एक दिन सब भूल ही जाने वाला है....

𝐈 𝐑𝐄𝐏𝐋𝐈𝐄𝐃......
पहली बार किसी की हुई बात का इतना खास हो जाना .... और फिर उसको भूल जाना
आसान है क्या...?

पहली बार किसी के मुस्कुराहट में खो
जाने के....अहसास को भूल जाना
आसान है क्या...?

पहली बार किसी के साथ
सुकुन मिल जाने को भूल जाना...
आसान है क्या...?

पहली बार किसी के हाथ पकड़ लेने से
धड़कनों के थम जाने को भूल जाना
आसान है क्या...?

पहली बार किसी से बात ना होने पर
हुई बेचैनी को भूल जाना
आसान है क्या...?

पहली बार किसी को पाने की कोशिश ना करके
अपने आप को उसका बना देना
आसान है क्या...?
💭💯

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

16 Oct, 12:12


किसी न किसी को किसी पर ऐतबार हो जाता है,

एक अजनबी सा चेहरा भी यार हो जाता है,

खूबियों से ही नही होती मोहब्बत हमेशा,

किसी की कमियों से भी कभी लगाव हो जाता है..🩶

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

13 Oct, 12:50


लो आज हम अपना हाल-ए-दिल बताते हैं
हैं उससे मुझे बे-इंतेहा मोहब्बत
ये उसको हम नही जताते हैं

वो चाहती हैं कि हम हाल-ए-मोहब्बत
लफ्जों में लिख कर बतायें उसे

अब उसको कैसे समझायें कि
ये ही तो हम कभी कर नही पाते हैं

लो आज हम अपना हाल-ए-दिल बताते हैं...

♥️🌸

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

11 Oct, 13:26


रात की हर एक आह में तुम हो
मेरी हर एक चाह में तुम हो
💫
कोई न कोई तो रिश्ता जरूर होगा
किसी जन्म का मेरा तुमसे
💫
जो तुम इतनी दूर हो कर भी
मेरी हर एक साँस में तुम हो
💫
हर एक एहसास में तुम और सिर्फ तुम हो...

🥹♥️

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

09 Oct, 13:38


मतलब की दुनिया में कौन किसी का होता है,
धोका वही देता है, जिस पर भरोसा होता है.

ज्यादातर रिश्ते स्वार्थ की बुनियाद पर टिके होते हैं,
वास्तव में कोई किसी का अपना नहीं होता है.

मतलब की दुनिया में कोई किसी का नहीं होता,
लाख निभाओ रिश्ता कोई अपना नहीं होता,
गलत फ़हमी रहती है थोडे दिन,
फ़िर आँखों में आंसुओं के सिवा, कुछ नहीं होता.

जो बुरे वक़्त में आपका साथ दे,
बस वो ही आपका अपना होता है,
बाकी तो सब झूठा सपना होता है.

ना शक्ल देखती है ना सूरत देखती है,
कम के समय ये दुनिया अपनी जरुरत देखती है.

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

08 Oct, 06:00


रद्द -ए- वहशत के लिए
मैंने जलाई लेकिन

इतनी ख़ामोश हैं आतिश
कि धूंआँ गूंजता हैं

तुझको शिकवा हैं कि
तेरा नाम मेरे लब पे नहीं

कान सीने से लगा
देख तेरा नाम यहाँ गूंजता हैं...

❤️💫

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

05 Oct, 10:22


💜💜💜💜💜💜💜💜

रिश्ते चाहे कितने भी बुरे हों…
लेकिन कभी भी उन्हें मत तोड़ना,
क्योंकि पानी चाहें कितना भी गंदा हो,
प्यास नहीं तो आग तो बुझा ही देता है।🔥

जब जिन्दगी हँसाए तब समझना
कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है।
जब जिन्दगी रुलाये तब समझना कि
अब अच्छे कर्म करने का समय आ गया है।🟩

जिंदगी को लेकर हमारी शिकायतें
जितनी कम होती जाएगी,
हमारा जीवन उतना ही
बेहतर बनता जाएगा।📛

💟💟💟💟💟💟💟💟

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

04 Oct, 08:22


वो जो यादों की रौशनी सी थी
वो जो आबाद इक गली सी थी
वो जो इक शहर था समुन्दर सा
और समुन्दर पे चांदनी सी थी...

वो जो जंगल था इक किवाड़ो का
और जंगल में जिंदगी सी थी
वो जो दीवार-पीछे मुखड़े थे
और मुखड़ो पे ताज़गी सी थी...

वो जो इक बाढ़ थी गुलाबों की
वो जो खुशबु धुली-धुली सी थी
वो जो रस्ते में एक कुटिया थी
वो जो बुढ़िया झुकी-झुकी सी थी...

वो जो सूरत पे था नमक उसकी
वो जो बातों में चाशनी सी थी
वो जो लड़की थी इक पहेली सी
वो पहेली जो अनकही सी थी...

वो जो कोने पे एक जामुन था
वो जो डाली हरी-भरी सी थी
वो जो लड़कों की एक गारद थी
वो जो इक फ़ाख्ता डरी सी थी...

वो जो लड़का था इक छरेरा सा
और रंगत भी सांवली सी थी
नाम भी याद हैं , बताएं क्या?
शक्ल भी याद हैं , भली सी थी...

वो जो इक पेड़ था पुराना सा
पेड़-ऊपर जो इक परी सी थी
वो जो वीरां सी एक मस्जिद थी
वो जो दीवार इक गिरी सी थी...

शाह-ए-जिन्नात जिस में रहता था
टेढ़ी-मेढ़ी जो इक गली सी थी
वो जो बुढ़ा था सुर्ख आँखों का
वो जो लड़की बुझी-बुझी सी थी...

वो जो बादल सा एक पर्दा था
एक खिड़की जो अधखुली सी थी
वो जो कागज़ मला-दला सा था
वो जो चिट्ठी मुड़ी तुड़ी सी थी...

वो जो थे आंसुओं से बिगड़े हर्फ़
रौशनाई उड़ी-उड़ी सी थी
वो जो आँखें थी , इक सितारा सी
वो जो इक लौ चराग की सी थी...

रात वो हाल पूछने आए
रात मैं भी थकी-थकी सी थी
मेरी मुट्ठी में एक कागज़ था
और मुट्ठी भिंची हुई सी थी...

पास खबरों का एक मलबा था
जो तस्वीर अधजली सी थी
इक खबर थी बहुत अधूरी सी
इक सुर्खि कटी-पिटी सी थी...

इख़्तिलाफात ने उजाड़ दिया
वो जो बस्ती भरी-पुरी सी थी
घर जले हैं हवाओं की शह पर
आतिश-ए-गम तो बस यूँही सी थी..!

ALONE ✍️

Lafz 🥀-E 🍁-Rooh 🖤

02 Oct, 13:19


मैं शहर का शोर शराबा
तू गांव जैसी शांत प्रिय

मैं उलझा हुआ सा ख्वाब कोई
तू सुलझी हुई सी बात प्रिय

मैं दोपहर की चिक-चिक
तू सुकुन भरा रात प्रिय

मैं दूरियों का पैमाना
तू हसीन मुलाकात प्रिय

मैं इश्क सीखने का आदि
तू इश्क की पूरी जात प्रिय

मैं बिखरा हुआ सा जवाब तेरा
तू सिमटा हुआ सवालात प्रिय

मैं थोड़ा अलग इस दुनिया से
मगर तुझसे मिलते ख्यालात प्रिय

मैं कागज पर गिरी स्याही
तू तराशा हुआ जज्बात प्रिय
💭💯

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