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ळ एक वैदिक वर्णाक्षर है। जिस प्रकार ट, ठ, ड, ढ, ण, ष, ऋ, र वर्णों को मूर्धनी को स्पर्श कर उच्चारण करते हैं उसी प्रकार ळ का उच्चारण मूर्धनी स्पर्श कर होता है। यानी ल को दाँतों से न छूकर उसे मसूड़ों के कुछ ऊपर (र बोलते जैसी स्थिति में) जीभ ला कर उच्चारण करने का प्रयास करिये तब यह ध्वनि निकलेगी।
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प्रयास करिए बोलने का ।🤡